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अहियापुर हत्याकांड: बालू विवाद नहीं, पंचायत चुनाव की रंजिश बनी खूनी खेल की वजह

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-तीन हत्याओं के पीछे चुनावी हार की रंजिश, बालू विवाद बना सिर्फ बहाना,राजनीतिक दबदबा, आपराधिक प्रवृत्ति और पुरानी अदावत का घातक संगम

न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर

अहियापुर में हुई तीन हत्याओं के पीछे बालू व गिट्टी का विवाद केवल एक बहाना बताया जा रहा है। असल जड़ें तो तीन साल पुराने पंचायत चुनाव में छिपी हैं, जब मनोज यादव और चंद्रदेव यादव के परिवारों के बीच दुश्मनी की नींव पड़ी थी। ग्रामीणों के अनुसार, पंचायत चुनाव के दौरान चंद्रदेव यादव के परिवार ने मनोज यादव और उनके भाई संतोष यादव का खुलकर विरोध किया था। चुनाव में मिली हार के बाद मनोज और संतोष भीतर ही भीतर बदले की आग में जल रहे थे। तीन साल से वे मौके की तलाश में थे और बालू विवाद सिर्फ उस आग को हवा देने का एक जरिया बन गया। मनोज और संतोष यादव का इलाके में लंबे समय से वर्चस्व रहा है। मनोज ने अपनी पत्नी को जिला परिषद सदस्य से लेकर चेयरमैन तक बनवाया, वहीं अपने भाई को उपाध्यक्ष की कुर्सी दिलाई। रसेन और अकबरपुर पंचायतों में भी इन्होंने अपने परिवार एवं चहेतों को मुखिया पद तक पहुंचाया, जिससे इनका दबदबा और बढ़ा।

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ग्रामीणों का कहना है कि अकबरपुर में मनोज ने अपनी मां को मुखिया बनवाया, जबकि रसेन पंचायत में अपने करीबी को यह पद दिलाया। मनोज यादव पर पहले से ही कई आपराधिक मुकदमे दर्ज हैं, जिनमें से एक में वे चार्जशीटेड भी हैं। सूत्रों के मुताबिक, चंद्रदेव के विरोध ने मनोज और संतोष को चिढ़ा दिया था। इसी बीच चंद्रदेव का परिवार नहर किनारे बालू-गिट्टी की दुकान चलाने लगा। शुक्रवार को मनोज ने वहां जानबूझकर बालू गिरवाया, जिससे तनाव बढ़ गया। हालांकि, पीड़ित परिवार ने संयम रखा, लेकिन शनिवार सुबह हथियारबंद मनोज और संतोष ने अपने साथियों के साथ मिलकर हमला कर दिया, जिससे तीन लोगों की जान चली गई। पुलिस इस मामले की जांच कर रही है, लेकिन अब यह स्पष्ट होता जा रहा है कि यह खूनी वारदात केवल व्यवसायिक टकराव नहीं, बल्कि वर्षों पुरानी राजनीतिक रंजिश का नतीजा थी।

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