-ढाई वर्ष पूर्व हुआ था मुखिया, वार्ड क्रियान्वयन समिति,पंचायत सचिव व जेई पर वारंट जारी
ब्रह्मपुर थाना क्षेत्र के जवही दियर पंचायत में पिछले कार्यकाल के दौरान पंचायत के कई वार्डो में मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना में व्यापक स्तर पर घोटाला हुआ था। जिसका उजागर लोक शिकायत निवारण कार्यलय के द्वारा हुआ है। सबसे पहले इस पंचायत के वार्ड सख्या 1 के वार्ड सदस्य एवं सचिव पर प्रथमिकी दर्ज हुई । इस मामले में तत्कालीन एएसपी राज के द्वारा अनुसंधान किया गया था। जिसमे घोटाले में संलिप्त पंचायत मुखिया उर्मिला देवी ,तत्कालीन पंचायत सचिव महेंद्र ठाकुर एवं तत्कालीन तकनीकी सहायक सिधेश्वर शर्मा की भूमिका भी निकलकर सामने आया थी। जिसको मद्देनजर रखते हुए इस तीनो लोगो पर भी अजमानतीय (एनबीडब्ल्यू) करीब डेढ़ साल से जारी किया गया है। लेकिन अब तक पुलिस इनलोगो को गिरफ्तार नही कर सकी। लेकिन अब इनलोगों की गिरफ्तारी के लिए एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी के द्वारा कवायद शुरू कर दिया गया है। वहीं योजना की राशि को रिकवरी करने के लिए निलाम वाद भी चलाया जा रहा है। दरअसल ,मुख्यमंत्री सात निश्चय योजना के तहत चयनित सड़क निर्माण की योजना में वार्ड क्रियान्वयन समिति द्वारा 1350 फिट सड़क निर्माण करने के बजाए 470 फिट पर ही मिट्टी भराई एवं फेबर ब्रिक सोलिंग का कार्य सिवान रोड स्थित राधा कृष्ण यादव के आवास से पूरब की ओर तक करवाया । जिसमें दो दिनांक पर भुगतान भी हुआ ।
प्रथम अग्रिम भुगतान 5 मार्च 2018 को 8 लाख 31 हजार 600 एवं दूसरा अग्रिम भुगतान 5 लाख 42 हजार को हुआ था । यानी प्रकलन राशि 13 लाख 55 हजार 385 के विरुद्ध 13 लाख 73 हजार 600 भुगतान हुआ। यानी तकनीकी प्रकलन से अधिक राशि का भुगतान किया गया। जबकि योजना का कार्य भी अधूरा था। भुगतान तब संभव है जब तकनीकी सहायक द्वारा कार्य योजना का जांच कर एमबी पूरा कर दिया जाता है।लेकिन इस योजना में ऐसा कुछ नही हुआ।सूत्रों की माने तो तत्कालीन तकनीकी सहायक सीधेश्वर शर्मा मनरेगा के जेई थे। एसडीएम ने बताया कि सरकारी राशि गबन में चक्की प्रखंड के जवही दियर मुखिया उर्मिला देवी, वार्ड तीन के सदस्य अशोक यादव, वार्ड सचिव राधे श्याम यादव, पंचायत सचिव महेन्द्र ठाकुर और कनीय अभियंता अमरेंद्र कुमार के खिलाफ वारंट जारी किया गया है।
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