न्यूज़ 11 बिहार |पटना
संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा सिविल सेवा परीक्षा 2024 के फाइनल परिणाम मंगलवार को जारी कर दिए गए। इस बार की मेरिट लिस्ट में देशभर से कुल 1009 सफल अभ्यर्थियों का चयन हुआ है। इनमें बिहार के 5 से अधिक प्रतिभागी शामिल हैं, जिन्होंने न सिर्फ राज्य बल्कि देशभर में राज्य का नाम रोशन किया है।
सबसे खास बात यह रही कि बिहार के तीन अभ्यर्थियों ने टॉप 20 में स्थान पाया, जिनमें सीतामढ़ी, बक्सर और जमुई से उम्मीदवारों ने कड़ी मेहनत और समर्पण के दम पर यह मुकाम हासिल किया।
–टॉप रैंकर्स में शामिल हुए बिहार के ये सितारे
🔹 राजकृष्ण झा – रैंक 8
सीतामढ़ी जिले के रुन्नीसैदपुर प्रखंड के अथरी गांव के रहने वाले राजकृष्ण झा ने इस बार पूरे देश में 8वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। वर्तमान में नौकरी करते हुए पढ़ाई जारी रखने वाले राजकृष्ण की सफलता पूरे गांव के लिए गर्व का विषय बन गई है। उनके चाचा डॉ. अनिल झा बताते हैं कि “राजकृष्ण बचपन से ही मेधावी छात्र रहे हैं।
“उनका परिवार शिक्षा से जुड़ा रहा है, उनके दादा स्व. सुलपानी झा, संस्कृत उच्च विद्यालय, अथरी के प्रधानाचार्य रहे हैं। राजकृष्ण अपनी सफलता का श्रेय अपने माता-पिता, चाचा-चाची और गुरुजनों को देते हैं।
🔹 हेमंत मिश्रा – रैंक 13
बक्सर के रहने वाले हेमंत मिश्रा ने 13वीं रैंक हासिल की है। वर्तमान में वे मिर्जापुर में SDM के पद पर कार्यरत हैं। उनके पिता ओमप्रकाश मिश्रा कैमूर में शिक्षा विभाग में APO हैं, जबकि मां नम्रता मिश्रा शिक्षिका हैं। हेमंत की मां बताती हैं, “हम दोपहर का खाना खाने बैठे ही थे कि बेटे का कॉल आया – मम्मी, मेरी 13वीं रैंक है।” हेमंत ने JNU से पोस्ट ग्रेजुएशन और जामिया मिलिया से ग्रेजुएशन किया है। वे पहले भी UPPSC, BPSC जैसी परीक्षाएं पास कर DSP और उपनिर्वाचन पदाधिकारी बन चुके हैं, लेकिन UPSC ही उनका सपना था।
🔹 संस्कृति त्रिवेदी – रैंक 17
जमुई के बम्बई कॉलोनी की रहने वाली संस्कृति त्रिवेदी ने 17वीं रैंक हासिल कर जिले का नाम रौशन किया है। संस्कृति की यह दूसरी बार सफलता है। इससे पहले वे 2023 में 352वीं रैंक लाकर सिविल सेवा में चयनित हुई थीं, लेकिन अपने प्रदर्शन से संतुष्ट नहीं थीं। संस्कृति बताती हैं कि उन्होंने रोज़ 15-17 घंटे पढ़ाई की। उन्होंने दिल्ली यूनिवर्सिटी के गार्गी कॉलेज से पॉलिटिकल साइंस में ग्रैजुएशन किया था। उनकी यह सफलता कठोर परिश्रम और अडिग संकल्प का परिणाम है।
📈 अन्य उल्लेखनीय चयनित अभ्यर्थी
🔸 पारस कुमार – रैंक 269
बांका जिले के पारस कुमार, वर्तमान में जमुई में जिला कार्यक्रम पदाधिकारी (DPO) के रूप में कार्यरत हैं। यह उनका चौथा प्रयास था। पारस ने बताया, “2023 में 13 अंकों से चूक गया था। लेकिन मैंने हार नहीं मानी।” वे शिक्षा विभाग की नौकरी करते हुए देर रात तक पढ़ाई करते थे।
🔸 ईशा रानी – रैंक 384
जमुई के लभेत गांव की रहने वाली ईशा रानी के पिता नारायण सिंह वकील हैं। ईशा ने CNLU, पटना से लॉ की पढ़ाई की और दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी की। उन्होंने जमुई और बोकारो से स्कूली शिक्षा प्राप्त की थी।
🔸 संजीव कुमार – रैंक 583
मोतिहारी के संजीव कुमार के पिता सुनील कुमार जनरल स्टोर चलाते हैं। गांव के लोग बताते हैं कि संजीव शांत स्वभाव के मेहनती छात्र थे, जो हर त्योहार में भी पढ़ाई में लीन रहते थे। उन्होंने दिल्ली में रहकर UPSC की तैयारी की।
🔸 शिवम टेकरीवाल – रैंक 740
सहरसा के शिवम टेकरीवाल ने पांचवें प्रयास में सफलता पाई। 2019 में CA बनने के बाद, उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू की थी। वे अपने दादा केदार टेकरीवाल को प्रेरणा स्रोत मानते हैं। “मेरे दादा सिविल सेवा में जाना चाहते थे लेकिन नहीं जा सके, अब उनका सपना पूरा हुआ।”
📊 बिहार के लिए गौरव का क्षण
इस बार UPSC की टॉप 20 लिस्ट में बिहार के तीन कैंडिडेट शामिल हुए हैं। जमुई के तीन अभ्यर्थियों ने परीक्षा पास की है, जो जिले के लिए ऐतिहासिक उपलब्धि है। राज्य भर में इन युवाओं की सफलता से प्रेरित होकर कई छात्र तैयारी में जुट चुके हैं।
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