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बक्सर: अब व्हाट्सएप पर नहीं चलेगी छुट्टी – शिक्षा विभाग में सख्ती, डीईओ का कड़ा आदेश

बक्सर: अब व्हाट्सएप पर नहीं चलेगी छुट्टी – शिक्षा विभाग में सख्ती
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📍 बक्सर, बिहार | न्यूज़ 11 बिहार


जिला शिक्षा पदाधिकारी (DEO) अमरेंद्र कुमार पांडेय ने बक्सर जिले में शिक्षा विभाग की कार्यशैली को और अधिक अनुशासित एवं उत्तरदायी बनाने के उद्देश्य से एक महत्वपूर्ण प्रशासनिक आदेश जारी किया है। इस आदेश में स्पष्ट किया गया है कि अब कोई भी अधिकारी या कर्मचारी व्हाट्सएप पर सूचना देकर छुट्टी नहीं ले सकेगा। ऐसा करना सेवा नियमों का उल्लंघन माना जाएगा और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी।


📢 “अनुमति के बिना मुख्यालय से अनुपस्थिति अब नहीं होगी बर्दाश्त” – डीईओ

जारी आदेश में डीईओ ने यह उल्लेख किया है कि विभाग के कई अधिकारी पूर्व अनुमति के बिना मुख्यालय से अनुपस्थित रहते हैं, जबकि कुछ अधिकारी सिर्फ व्हाट्सएप पर एक सामान्य संदेश भेजकर छुट्टी ले लेते हैं।
इस प्रकार की लापरवाही से जिला स्तरीय कार्यों और प्रशासनिक गतिविधियों पर सीधा असर पड़ता है।

“यह परंपरा अब समाप्त होगी। सेवा अनुशासन बनाए रखने के लिए सभी अधिकारियों को लिखित रूप से छुट्टी का आवेदन देना होगा और स्वीकृति मिलने के बाद ही अनुपस्थित होने की अनुमति दी जाएगी।”अमरेंद्र कुमार पांडेय, जिला शिक्षा पदाधिकारी


🗓️ छुट्टी के दिन भी रहना होगा कार्यालय में उपस्थित

एक और बड़ा निर्देश देते हुए डीईओ ने कहा कि अधिकारी छुट्टी के दिन भी कार्यालय में उपस्थित रहेंगे।
उनका कहना था कि सार्वजनिक अवकाश के दिनों में भी महत्वपूर्ण सरकारी कार्य, जैसे कि वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, विभागीय समीक्षा बैठकें, प्रशिक्षण सत्र आदि होते हैं। ऐसे में अधिकारियों की उपस्थिति अत्यावश्यक है।


📌 प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को सख्त निर्देश

जिला शिक्षा पदाधिकारी ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों (BEOs) को आदेशित किया है कि वे इस निर्देश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित करें।
उन्होंने कहा कि इस आदेश का उल्लंघन करने पर संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्यवाही तय है।

“शिक्षा विभाग एक संवेदनशील और महत्वपूर्ण सेवा क्षेत्र है। इसकी जवाबदेही सुनिश्चित करना हमारी प्राथमिकता है।”डीईओ, बक्सर


⚖️ क्या है आदेश का प्रभाव?

  • अब छुट्टी के लिए व्हाट्सएप नहीं, केवल लिखित आवेदन मान्य होगा।
  • बिना पूर्व स्वीकृति के अनुपस्थित रहने पर कार्रवाई तय।
  • सार्वजनिक अवकाश में भी अधिकारी मुख्यालय में मौजूद रहेंगे।
  • प्रखंड स्तर पर अनुपालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी BEOs पर।

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