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बक्सर की आध्यात्मिक विरासत को मिलेगा राष्ट्रीय सम्मान

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– प्रधानमंत्री कार्यालय ने राजकुमार चौबे के पत्र पर की त्वरित पहल


न्यूज़ 11 बिहार। बक्सर


बक्सर की आध्यात्मिक और सांस्कृतिक महत्ता को लेकर एक महत्वपूर्ण पहल ने राष्ट्रीय स्तर पर प्रभाव डाला है। विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक श्री राजकुमार चौबे द्वारा प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी को भेजे गए पत्र को प्रधानमंत्री कार्यालय ने गंभीरता से संज्ञान में लिया है। स्वयं प्रधानमंत्री कार्यालय से श्री चौबे को फोन कर यह जानकारी दी गई कि उनके पत्र में उल्लिखित मांगों पर कार्रवाई की प्रक्रिया आरंभ हो चुकी है।
श्री चौबे ने इस ऐतिहासिक प्रतिक्रिया पर प्रधानमंत्री के प्रति गहरा आभार व्यक्त करते हुए कहा, यह केवल मेरा व्यक्तिगत संतोष नहीं, बल्कि बक्सर की संपूर्ण सनातन आत्मा की सुनवाई है। प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने एक बार फिर सिद्ध किया है कि उनका नेतृत्व केवल राजनीतिक नहीं, बल्कि आध्यात्मिक चेतना से भी प्रेरित है।


बक्सर, जो रामायण काल से ही अत्यंत महत्वपूर्ण रहा है, जहां भगवान श्रीराम ने विश्वामित्र मुनि से धर्म और शस्त्र विद्या सीखी थी, जहां अहिल्या उद्धार हुआ, और जहां च्यवन ऋषि ने आयुर्वेद के अमृत को खोज,आज उस नगर की ऐतिहासिक प्रतिष्ठा को फिर से मान्यता मिलने जा रही है।
श्री चौबे ने बताया कि पत्र में कुल 10 प्रमुख मांगें रखी गई थीं, जिनमें से कुछ पर प्राथमिकता से कार्य प्रारंभ होने की संभावना है। इन मांगों में बक्सर को बिहार की आध्यात्मिक राजधानी घोषित करना, भगवान विश्वामित्र की भव्य प्रतिमा का निर्माण, च्यवन ऋषि के नाम पर एक स्मारक की स्थापना, तथा धार्मिक पर्यटन सर्किट विकसित करना जैसे प्रस्ताव शामिल हैं। विश्वामित्र सेना ने इस अवसर को ऐतिहासिक बताते हुए जनजागरण अभियान को और अधिक सक्रियता से चलाने का संकल्प लिया है, ताकि हर बक्सरवासी इस सांस्कृतिक जागृति का हिस्सा बन सके। श्री चौबे ने आशा व्यक्त की कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में बक्सर न केवल पौराणिक नगरी के रूप में, बल्कि सनातन चेतना की राजधानी के रूप में विकसित होगा। उन्होंने कहा,यह केवल अतीत की स्मृति नहीं, बल्कि भविष्य के पुनर्लेखन की शुरुआत है।

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