सड़क निर्माण: 2013 से चल रहा मामला, ग्रामीण कार्य विभाग की अनदेखी से बिगड़े हालात
बक्सर | डुमरांव अनुमंडल के ब्रह्मपुर प्रखंड स्थित भदवर गांव में सड़क निर्माण विवाद में है। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत उसरा मोड़ से भदवर तक सड़क निर्माण को लेकर 12 साल से जारी विवाद फिर खड़ा हो गया है। स्थानीय रैयत ब्रजेश तिवारी का आरोप है कि उनकी निजी भूमि (खाता संख्या 288, खेसरा 6238) पर ग्रामीण कार्य विभाग द्वारा जबरन सड़क बनाई जा रही है, जो कानूनी रूप से गलत है। जबकि सड़क के लिए सरकारी भूमि उपलब्ध है। ग्रामीण कार्य विभाग की अनुशंसा पर तत्कालीन सीओ ने सरकारी भूमि चिन्हित कर बता भी दिया था। लेकिन, विभागीय लापरवाही से रैयत को बार-बार उसी समस्या से दो चार होना पड़ रहा है। अब पुनः विभाग अलाइनमेंट बदलने में असमर्थता जता रहा है।
High Court के आदेश पर तत्कालीन जिलाधिकारी ने की थी जांच
वर्ष 2013 में पटना High Court ने इस निर्माण कार्य पर रोक लगा दी थी। तब तत्कालीन डीएम रमण कुमार ने स्थल निरीक्षण कर अगली बार सड़क निर्माण में अलाइनमेंट बदल कर निर्माण की बात न्यायालय में कही थी। बावजूद इसके, ग्रामीण कार्य विभाग हर बार सड़क निर्माण के दौरान इस आदेश की अनदेखी करता रहा है। रैयत ने कार्यपालक अभियंता को कई बार लिखित आवेदन दिए, लेकिन विभाग ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की।
सरकारी जमीन उपलब्धता के बावजूद निजी भूमि में सड़क बनाना विभागीय चूक
इस विवाद का समाधान पहले ही निकल सकता था, क्योंकि सड़क के पश्चिमी भाग में बिहार सरकार की जमीन उपलब्ध है। ब्रह्मपुर अंचलाधिकारी (सीओ) ने उक्त सरकारी भूमि को चिन्हित कर ग्रामीण कार्य विभाग को रिपोर्ट भी सौंपी थी। इसके बाद उप विकास आयुक्त ने अतिक्रमण हटाने के निर्देश दिए थे, लेकिन विभाग ने इसे भी नजरअंदाज कर दिया।
कोर्ट के आदेश पर भी सरकारी भूमि पर अतिक्रमण नहीं हटा
हर बार कार्य एजेंसी चिन्हित सरकारी भूमि को छोड़कर अधूरी सड़क बना देती है, जिससे विवाद बना रहता है। इस बार भी निर्माण कार्य गलत तरीके से किया जा रहा है, जबकि चिन्हित सरकारी भूमि पर स्थानीय लोगों ने अतिक्रमण कर लिया है। ग्रामीण कार्य विभाग की इस लापरवाही के कारण न तो सड़क पूरी बन पा रही है और न ही High Court के आदेश का पालन हो रहा है।
आगे क्या..? जमीन घेरने को मजबूर हैं रैयत, बंद हो जाएगा रास्ता
इस समस्या के निदान के लिए किसान को अपनी भूमि घेरने की नौबत आ गयी है। ब्रजेश तिवारी का कहना है कि हम ऐसा इसलिए नहीं करते थे ताकि ग्रामीणों की आवाजाही बंद न हो जाय। लेकिन, विभाग और सरकार इसके लिए मजबूर कर रहे हैं। मैं अपना जमीन घेर लूंगा तो गांव के लोगों का आना जाना पूर्णतः बंद हो जाएगा। उसके बाद प्रशासन को जो निर्णय लेना होगा लेगा।
-कहते है अधिकारी
ग्रामीण कार्य विभाग के सहायक अभियंता गुड्डू कुमार ने बताया की रैयत का आवेदन मिला है। रैयत भूमि में बिना सहमती के निर्माण नहीं कर सकते है। सड़क का मरम्मत कार्य चल रहा है। पूर्व के निर्मित पथ के आरेखन पर भी कार्य हो रहा है। विभाग से निर्देश मिलने के बाद आगे की कार्यवाई होगी।
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