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High Tech अनुसंधान से बेवजह कांड में फसे निर्दोष हुए वरी, दोषी को मिली सजा

High Tech अनुसंधान से बेवजह कांड में फसे निर्दोष हुए वरी
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-जिला में फोरेंसिक टीम की मौजूदगी में कांडो के अनुसंधान में आ रही है तेजी

न्यूज़ 11 बिहार (बक्सर): पिछले तीन वर्षों से पुलिस ने हाईटेक अनुसंधान कई दिशा में कदम बढ़ाए हैं। वहीं जिला में फॉरेंसिक लैब की स्थापना हो जाने के बाद कांडों के अनुसंधान में काफी तेजी आने लगी है। यही नहीं हत्या, लूट, चोरी जैसे कांडों में बेवजह किसी निर्दोष को फंसाने पर अनुसंधान के दौरान दूध का दूध और पानी का पानी सामने आ रहा है।

वहीं हाईटेक का मकसद सभी थानों को अनुसंधान के तरीकों में बदलाव कराना, हाईटेक बनाना और वैसे सबूत जुटाना शामिल है, जिसे पुलिस नजरों से पकड़ नहीं पाती है। कई बार वारदात के तुरंत बाद पुलिस फिंगर प्रिंट के लिए एफएसएल टीम को बुला नहीं पाती। इसकी वजह से साक्ष्य सही तरीके से पुलिस जुटा नहीं पाती। इसका फायदा अभियुक्त को मिल जाता है और वह कोर्ट से साक्ष्य के अभाव में बरी हो जाता है।

जिसमें निर्दोष भी कुछ समय के लिए फस जाते थे। लेकिन अब हाईटेक अनुसंधान हो जाने से प्रक्रिया काफी सरल हो चुका है। इसमें अपराध करने वाले को ही सजा दिया जाएगा। न्यूज़ 11 बिहार द्वारा पेश दो केस स्ट्डी जिसमे अनुसंधान के बाद पुलिस ने निर्दोषों को वरी कर दिया है।

केस स्ट्डी-1 : कोरानसराय थाना कांड संख्या 104/2024 में एक महिला अपने पति के साथ झगड़ा करके अपने एवं अपनी दो साल की बच्ची के साथ घर बंद करके आग लगा ली। इस घटना में मृतका की माँ के द्वारा स्थानीय थाना में दहेज हत्या का आरोप लगाते हुए पांच नामजद लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज कराया था।

पुलिस ने पति को कुछ समय के बाद गिरफ्तार कर लिया था। वहीं एफएसएल टीम के द्वारा जब कांच किया गया तो मामला आत्महत्या निकला। उसके बाद मेडिकल रिपोर्ट एवं अनुसंधान में भी मामला आत्महत्या का निकला। जिसके बाद कांड में दर्ज चार निर्दोष लोगों का नाम निकालकर आत्महत्या के लिए मजबूर करने वाला पति को पुलिस ने गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है।

केस स्ट्डी-2 :  मुरार कांड संख्या 91/24 में स्थानीय थाना क्षेत्र के ओझाबराव में गुप्तेश्वर ओझा का हत्या करने के आरोप में स्थानीय गाँव के ही 11 लोगों के खिलाफ नामजद प्राथमिकी मृतक की पत्नी के द्वारा किया गया था। आरोप लगाया गया था की नामजद लोगो के द्वारा लाठी,डंडा एवं लोहे के रॉड से मारकर मेरे पति की हत्या कर दिया गया है।

घटना के बाद स्थल पर पहुंची एफएसएल ,मेडिकल ने शव से कुछ सैम्पल लेकर जांच किया। घटना के कुछ दिनों बाद जांच रिपोर्ट सामने आया। जिसमे मिला की गुप्तेश्वर ओझा की मौत सौभाविक तरीका से हुआ है। ब्लड प्रेशर के रोगी थे। वही अनुसंधान में सामने आया की जमीन विवाद के मामले में कई दिनों से उलझे थे।

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वहीं ब्लड प्रेशर बढने से नश फट गया था। जिसमे उनकी मौत हो गई। यह बात पोस्टमार्टम रिपोर्ट में भी निकला। जिसके बाद नामजदों को राहत मिली।

-जिले में ही मौजूद है एफएसएल की टीम

 ज्यादातर ऐसा होता है कि डबल मर्डर, लाखों की चोरी, बैंक डकैती और सुसाइड के मामलों में ही पुलिस फिंगर प्रिंट एक्सपर्ट को बुलाती है। कई बार ऐसा होता कि कोई घटना रात में होती है, जिसमें एफएसएल की टीम नहीं पहुंच पाती। इसके अलावा चोरी के छोटे मामलों में भी पुलिस एफएसएल की टीम को नहीं बुलाती।

अब ऐसी घटनाओं पुलिस को पटना तक फोन नहीं लगाना पड़ेगा। जिला के पुलिस लाइन में ही एफएसएल का कार्यलय अब मौजूद हो गया है। जिसमे एक्सपोर्ट भी मौजूद है। बड़ी घटना होते ही स्थल पर पहुंचकर साक्ष्य को इकठ्ठा कर कांड में मददगार बन रहे है।

-कहते है एसडीपीओ

हाईटेक अनुसंधान से पुलिस को कांड सुलझाने में काफी मदद मिल रहा है। वही जिला में एफएसएल की टीम होने से भी बड़ी बारदातो में छोटी-छोटी बिंदुओं का साक्ष्य पुलिस को मिल रहा है। जिसका फायदा यह है कि इसमें निर्दोष लोग नहीं फस रहे है। दोषी को सजा मिल रहा है। -अफाक अख्तर अंसारी डुमरांव एसडीपीओ

High Tech अनुसंधान से बेवजह कांड में फसे निर्दोष

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