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ट्रांसफॉर्मर पर DT Meter से होगी बिजली खपत की निगरानी

Electricity consumption will be monitored with DT Meter on the transformer
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नावानगर व केसठ में कार्य हो चुका है पूरा, चक्की में कार्य शुरू

BUXAR: बिजली चोरी की समस्या से कंपनी के अधिकारी जूझ रहे हैं। चोरी पर कारगर नियंत्रण के लिए विभाग लगातार नई तकनीक का सहारा ले रहा है। पहले स्मार्ट मीटर तो अब ट्रांसफार्मरों पर DT Meter लगाकर खपत पर निगरानी रखने के लिए कवायद शुरू कर दिया है। डुमरांव अनुमंडल में घरेलू उपभोग की बिजली के लिए लगाए गए हजारों ट्रांसफॉर्मरों में से अधिकांश में विभाग DT Meter लगा चुका है। जानकार इसे बिजली चोरी को रोकने और बिजली आपूर्ति को और बेहतर बनाने के लिए बिजली वितरण कंपनी द्वारा उठाया गया एक प्रभावी कदम बता रहे हैं। साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के अंतर्गत आने वाले जिले में बिजली विभाग की पुनर्गठित वितरण क्षेत्र योजना (आरडीएसएस) के तहत वितरण क्षेत्र को वित्तीय रूप से मजबूत और परिचालन रूप में कुशल बनाये जाने को लेकर ट्रांसफॉर्मरों में से 85% में DT Meter लग चुका है। विद्युत सहायक अभियंता राकेश कुमार दुबे ने बताया कि डुमरांव सब डिवीजन अंतर्गत नावानगर,केसठ के सभी ट्रांसफार्मर पर DT Meter लग चुका है। चक्की के कुछ कार्य प्रगति पर है। उसी प्रकार कोरानसराय सबडिवीजन में भी तेजी से कार्य चल रहा है।

बिजली की आपूर्ति में सुधार करना उद्देश्य

सहायक अभियंता ने बताया कि शहरी क्षेत्र में पहले लगाया गया था। कुछ खराब है। उसे बदल दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि आरडीएसएस योजना का उद्देश्य बिजली की आपूर्ति में सुधार करना है। विभाग द्वारा अप्रैल 2025 तक सभी ट्रांसफॉर्मरों में मीटर लगाने का लक्ष्य कंपनी को दिया है। हालांकि कृषि कनेक्शन से जुड़े ट्रांसफॉर्मरों को छोड़कर, सभी ट्रांसफॉर्मरों में अप्रैल 2025 तक डी टी मीटर लगाए जाएंगे। आरडीएसएस योजना के तहत यह काम जारी है। इस योजना के माध्यम से बिजली चोरी पर नियंत्रण लगाने के साथ-साथ मोहल्लों और गलियों में बिजली की खपत का भी सटीक अनुमान लगाया जा सकेगा। बताते चले कि डुमरांव अनुमंडल के डुमरांव डिवीजन में 56 हजार वैध उपभोक्ता है। जिसमे 2.5 हजार कृषि उपभोक्ता है। इसी प्रकार कोरानसराय सब डिवीजन में 1 लाख से अधिक उपभोक्ता है।

बिजली खपत की मिल जाएगी सटीक जानकारी

बिजली कंपनी का मानना है कि ट्रांसफॉर्मरों में डीटी मीटर लगाने और स्मार्ट मीटर के माध्यम से बिजली चोरी को नियंत्रित किया जा सकता है। इससे गली-मोहल्लों में बिजली चोरी करने वालों पर नियंत्रण व आपूर्ति में सुधार को बढ़ावा मिलेगा। इसके साथ हीं बिजली व्यवस्था में सुधार के क्रांतिकारी युग की शुरुआत होगी। – राकेश कुमार दुबे एसडीओ बिजली कंपनी ,डुमरांव

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