नावानगर बनेगा बिहार का नया औद्योगिक हब: 2000 करोड़ से अधिक के निवेश से दो बड़ी परियोजनाओं की शुरुआत, स्थानीय रोजगार को मिलेगा नया आयाम
📍 बक्सर, नावानगर | न्यूज़ 11 बिहार
बिहार के बक्सर जिले के नावानगर प्रखंड में औद्योगिक विकास की एक नई इबारत लिखी जा रही है। शुक्रवार को उद्योग विभाग के अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार ने यहाँ दो प्रमुख औद्योगिक परियोजनाओं का निरीक्षण किया और क्षेत्र के भविष्य को लेकर उत्साहजनक बयान दिया। इस मौके पर एसडीएम राकेश कुमार एवं भारत प्लस एथेनॉल लिमिटेड के सीएमडी अजय कुमार सिंह भी उपस्थित रहे।
🏭 भारत प्लस एथेनॉल लिमिटेड: नावानगर में औद्योगिक युग की शुरुआत
बियाडा (BIADA) की भूमि पर स्थापित होने वाली पहली कंपनी के रूप में भारत प्लस एथेनॉल लिमिटेड एक ऐतिहासिक औद्योगिक पहल है। यह संयंत्र:
- 20 एकड़ भूमि पर विकसित हो रहा है
- 200 करोड़ रुपये की लागत से निर्माणाधीन है
- प्रतिदिन 1,20,000 लीटर एथेनॉल का उत्पादन करेगा
- साथ में खाद्य तेल, बायो-डीज़ल एवं राइस मिल इकाइयाँ भी शामिल होंगी
रोजगार प्रभाव:
👉 वर्तमान में 1500 से अधिक लोग यहाँ कार्यरत
👉 भविष्य में 2000+ लोगों को रोजगार मिलने की संभावना
सीएमडी अजय कुमार सिंह ने बताया कि यह परियोजना न केवल ऊर्जा क्षेत्र में योगदान देगी, बल्कि क्षेत्रीय युवाओं के लिए रोजगार और कौशल विकास का एक नया द्वार भी खोलेगी।
🥤 कोका-कोला मेगा प्लांट: 1235 करोड़ का निवेश, 65 एकड़ में हो रहा विकास
निरीक्षण के दौरान अपर मुख्य सचिव ने SLMG ग्रुप द्वारा स्थापित किए जा रहे कोका-कोला प्लांट का भी जायज़ा लिया। यह प्लांट:
- 65 एकड़ भूमि में विकसित हो रहा है
- 1235 करोड़ रुपये का मेगा निवेश
- निर्माण कार्य तेज़ गति से प्रगति पर
- अगले 5 महीनों में उत्पादन शुरू होने की संभावना
प्रभाव:
👉 2000 से अधिक स्थानीय लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार
👉 नावानगर को राष्ट्रीय औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करने में सहायक
🗣️ “नावानगर अब कृषि आधारित नहीं, उद्योग आधारित क्षेत्र बन रहा है” — अपर मुख्य सचिव मिहिर कुमार
निरीक्षण के दौरान श्री मिहिर कुमार ने कहा:
“यह देखकर खुशी हो रही है कि नावानगर जैसे ग्रामीण क्षेत्र में इतने बड़े औद्योगिक निवेश हो रहे हैं। यह क्षेत्र अब सिर्फ कृषि पर निर्भर नहीं रहेगा, बल्कि बिहार के उभरते हुए औद्योगिक केंद्र के रूप में पहचान बनाएगा। सरकार का लक्ष्य है कि युवाओं को स्थानीय स्तर पर ही रोजगार मिले ताकि उन्हें पलायन न करना पड़े।”
उन्होंने अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया कि:
- निवेशकों को हरसंभव सहायता प्रदान की जाए
- भूमि, बिजली, पानी जैसी आधारभूत आवश्यकताओं की पूर्ति प्राथमिकता पर की जाए
- उद्योगों की स्थापना में आने वाली बाधाओं को शीघ्र दूर किया जाए
🌱 स्थानीय जनता में उत्साह और उम्मीद की लहर
इन दो बड़े निवेशों के साथ नावानगर क्षेत्र में आशा की नई किरण जागी है। स्थानीय ग्रामीणों, विशेषकर युवाओं और महिला समूहों में उत्साह है कि:
- उन्हें अपने ही जिले में रोजगार के अवसर मिलेंगे
- ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नया बल मिलेगा
- शिक्षा, स्वास्थ्य, परिवहन जैसे आधारभूत ढाँचे में सुधार होगा
- क्षेत्र में स्थायी आर्थिक प्रगति होगी
🚀 आत्मनिर्भर बिहार की ओर एक निर्णायक कदम
भारत प्लस एथेनॉल लिमिटेड और कोका-कोला प्लांट की स्थापना को ‘आत्मनिर्भर बिहार’ मिशन की दिशा में सशक्त प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। ये परियोजनाएँ न केवल उद्योग और निवेश को बढ़ावा देंगी, बल्कि बिहार की औद्योगिक छवि को देशभर में एक नई पहचान देंगी।
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