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धूमधाम से मनाई गई महाशिवरात्रि: बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे दो लाख से अधिक भक्त, लगे हर-हर महादेव के जयकारे

बाबा ब्रह्मेश्वर नाथ मंदिर पहुंचे दो लाख से अधिक भक्त
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-भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने किया था पुख्ता इंतजाम, शिव सरोवर से होकर बाबा के लिंग पर जलाभिषेक किए श्रद्धालु, सुबह दो बजे से रात के सात बजे तक लगा रहा श्रधालुओ का भीड़, पुलिस एवं प्रशासनिक पदाधिकारी ने किया मदद

बक्सर (ब्रह्मपुर): ब्रह्मपुर के सुप्रसिद्ध बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर में महा शिवरात्रि के अवसर पर दो लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने बाबा बरमेश्वर नाथ का जलाभिषेक किया। सुबह दो बजे से ही भक्तों ने जलाभिषेक शुरू किया जो शाम तक चलता रहा। भीड़ को नियंत्रण करने में पुलिस कर्मियों का पसीना छूटता रहा। बक्सर भोजपुर सहित यूपी के गाजीपुर एवं बलिया के श्रद्धालुओं ने भी बाबा को जलाभिषेक किया। महाशिवरात्रि को लेकर सुबह से ही ब्रह्मपुर रघुनाथपुर एवं नैनीजोर सड़क मार्ग में घंटों जाम लगा रहा। लेकिन जाम से निजात को लेकर चप्पे-चप्पे पुलिस कर्मी मौजूद थे।

-मिनी देवघर के रूप में विख्यात है बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर

देवघर की भांति बाबा बरमेश्वर नाथ का मंदिर अति प्राचीन और विख्यात है। किवदंतियों के अनुसार स्वयं भगवान ब्रह्मा ने इस मंदिर की स्थापना अपने हाथों से की थी,जिसके कारण इस नगरी का नाम ब्रह्मपुर पड़ा। सावन के महीने में बक्सर स्थित गंगा के रामरेखा घाट से श्रद्धालु जल भरकर 40 किलोमीटर की दुरी पैदल चलते हुए बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर पहुंचते हैं। मान्यता के अनुसार जो भी भक्त पूरी श्रद्धा भक्ति से यहां कावर चढ़ाता है,उसकी मनोकामना बाबा बरमेश्वर नाथ अवश्य पूरी करते हैं। इसी से इनका नाम मनोकामना लिंग के भी बारे में विख्यात है।

-पहले से थी तैयारी

भीड़ के मद्देनजर प्रशासन ने एक दिन पूर्व ही सारे इंतजामात कर लिये थे। एसडीएम राकेश कुमार,डीएसपी अफाक अख्तर अंसारी,सीओ खुशबू खातून, बीडीओ सोनू दुबे,ईओ अनिरूद्ध कुमार खुद विधि व्यवस्था को देख रहे थे। मन्दिर जाने वालों रास्ते को बेरिकेडिंग कर वाहनों को रोक दिया गया था। वही सभी जगहों पर पुलिस की व्यवस्था थी। मन्दिर के अंदर और बाहर 10 सीसीटीवी कैमरों से नजर रखी जा रही थी। किसी अनहोनी के मद्देनजर शिवगंगा सरोवर में गोताखोरों की तैनाती की गई थी साथ ही वाच टावर से भी नजर रखी जा रही थी।

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वही शिवरात्री को मद्देनजर रहते हुए। प्रशासन ने दो नियंत्रण कक्ष बनाया था। जिसपर पदाधिकारी के साथ डॉक्टर,एम्ब्युलेंस चालक एवं दवाए भी मौजूद था। मंदिर परिसर में भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने श्रधालुओ को शिव गंगा तलाब के रास्ते मंदिर तक भेज रहे थे। वही जैसे-जैसे सूर्य का प्रकाश तेज हो रहा था। उसी प्रकार श्रधालुओ का भीड बढ़ता गया। प्रशासन ने एक लाख तक श्रधालुओ के आगमन का अनुमान लगाया था। जबकि दो लाख से अधिक श्रद्धालु बाबा का दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।

-शिवगंगा सरोवर में स्नान से होती असाध्य बीमारी ठीक

मंदिर के पूरब साइड में एक बहुत बड़ा तालाब है जो कि शिवगंगा सरोवर के नाम से विख्यात है। इस तालाब की स्थापना भगवान ब्रह्मा ने की थी तथा तालाब की खुदाई विश्वकर्मा भगवान ने की थी। मान्यता के अनुसार शिवगंगा सरोवर में स्नान करने से असाध्य चर्म रोग कुष्ठ रोग एवं कई प्रकार की बीमारियों का नाश होता है। प्रतिदिन जो इस दौर में स्नान करते हैं। उन्हें कोई बीमारी नहीं होती तालाब के किनारे संध्या श्याम में प्रतिदिन आरती होती है। जिसे देखने के लिए दूर-दूर से लोग पहुंचते है।

-प्रत्येक महीने लगने वाली शिवरात्रि को होती है भीड़

बाबा बरमेश्वर नाथ मंदिर में प्रत्येक महीने लगने वाली शिवरात्रि को काफी भीड़ होती है। यहां सोमवार एवं शुक्रवार को सालों भर श्रद्धालुओं की भीड़ लगी रहती है। शिवपुराण के अनुसार फाल्गुन एव सावन की शिवरात्रि का काफी महत्व होता है। मंदिर के पुजारी डमरू बाबा, आचार्य अक्षय गोपाल पांडेय, आचार्य पप्पू पांडेय,रंगनाथ पाण्डेय  एवं उमलेश बाबा ने बताया कि फाल्गुन मास की शिवरात्रि को महाशिवरात्रि कहा जाता है। जिसका शिवपुराण में काफी महत्व की बताया गया है। मान्यता यह है कि जो भी भक्त अपनी मनोकामना लेकर यहां आते हैं उनकी मनोकामना बाबा बरमेश्वर नाथ अवश्य पुरी करते है। ब्रह्मपुर की गुड़ही जलेबी और गुड़ का लड्डू जिसे शंकर की मिठाई कहते है। दूर से आये श्रद्धालु शौक से यहां की मिठाई अपने साथ खरीदकर ले जाते हैं। वही दूसरी ओर अनुमंडल के डुमरांव नगर स्थित बाब जंगली नाथ मन्दिर,महरौरा शिव मंदिर,कंचनेश्वर धाम पर भी श्रधालुओ की भीड़ लगी थी।  

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