-खेतों में तबाही मचा रहे थे बंदर, किसान हो गए थे मजबूर,ग्रामीणों की शिकायत पर जिला प्रशासन ने की त्वरित कार्रवाई
न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
सिमरी प्रखंड अंतर्गत खरहाटांड़ एवं सिहनपूरा गांव के ग्रामीण और किसान पिछले कई महीनों से बंदरों के उत्पात से परेशान थे। बंदरों के झुंड खेतों में घुसकर फसलों को नुकसान पहुंचा रहे थे, जिससे किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा था। हालात यह हो गए थे कि कई किसानों ने खेती करना तक छोड़ दिया, वहीं गांव में बच्चों और बुजुर्गों पर बंदरों के हमले की शिकायतें भी दर्ज की गई थीं। इस समस्या को लेकर खरहाटांड़ निवासी प्रकाश ओझा ने जिला पदाधिकारी, बक्सर के समक्ष लिखित शिकायत दर्ज कराई। शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने वन विभाग को आवश्यक कार्रवाई का निर्देश दिया। इसके बाद वन विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची और बंदरों को पकड़ने का अभियान शुरू किया गया।
अभियान का नेतृत्व वन रक्षी महिमा कुमार ने किया। वन विभाग की टीम ने विशेष पिंजरों और उपकरणों की मदद से करीब 80 बंदरों को सुरक्षित रूप से पकड़ने में सफलता हासिल की। पकड़े गए बंदरों को सुरक्षित स्थान पर ले जाकर जंगल क्षेत्र में छोड़ने की प्रक्रिया जारी है। प्रकाश ओझा ने वन विभाग की इस त्वरित कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि यह कार्य सराहनीय और राहतकारी है। हालांकि उन्होंने बताया कि गांव में अब भी 200 से अधिक बंदर मौजूद हैं, जिनके कारण खतरा बना हुआ है। उन्होंने वन विभाग से अपील की कि यह अभियान तब तक जारी रहे जब तक गांव को पूरी तरह बंदरों के उत्पात से मुक्त न कर दिया जाए।
इस संबंध में वन विभाग के कर्मियों ने बताया कि बंदरों को पकड़ने की कार्रवाई चरणबद्ध तरीके से आगे भी जारी रहेगी। विभाग की ओर से लगातार निगरानी की जा रही है और ग्रामीणों से सहयोग लेकर बंदरों को पकड़ने का कार्य किया जा रहा है।
गौरतलब है कि बंदरों के कारण सिर्फ कृषि क्षेत्र ही नहीं, बल्कि ग्रामीणों की सामाजिक व पारिवारिक दिनचर्या भी बुरी तरह प्रभावित हो रही थी। वन विभाग की यह पहल ग्रामीणों के लिए राहत की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है। ग्रामीणों को अब उम्मीद है कि आने वाले दिनों में उनका गांव बंदरों के उत्पात से पूरी तरह मुक्त होगा।
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