अहियापुर हत्याकांड ने खोली राजनीति की कलई, परिजन न्याय को तरस रहे
न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
बक्सर के राजपुर थाना क्षेत्र के अहियापुर गांव में हुए दिल दहला देने वाले ट्रिपल मर्डर के बाद पूरे इलाके में मातम पसरा है। तीन घरों के चिराग बुझ गए, परिवारों की आंखें अब भी नम हैं। लेकिन इस दुखद घटना के बीच राजनीतिक दलों की सक्रियता ने सियासी रंग घोल दिया है। घटना के चंद घंटे बाद से ही नेताओं का जमावड़ा शुरू हो गया। विपक्षी दलों ने जहां सरकार को कानून व्यवस्था के मुद्दे पर घेरना शुरू किया, वहीं सत्ताधारी दल के नेता कड़ी कार्रवाई और दोषियों को नहीं बख्शने के बयानों के साथ सामने आए। पर सवाल यह है कि क्या यही संवेदना है।
पीड़ित परिवारों के लिए अभी सबसे बड़ी जरूरत न्याय और सुरक्षा की है। लेकिन जो नेता श्रद्धांजलि के बहाने कैमरों के सामने बयान दे रहे हैं, वे शायद ही परिजनों के आंसू पोछने के लिए दो पल ठहरे हों।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि अपराधियों के खिलाफ वर्षों से शिकायतें लंबित थीं, मगर राजनीतिक संरक्षण और प्रशासनिक लापरवाही ने इस नरसंहार की नींव डाली। अब जब जानें जा चुकी हैं, तो राजनीतिक दौरे, ट्वीट और प्रेस कॉन्फ्रेंस का दौर तेज हो गया है। बक्सर में लाशों पर राजनीति हो रही है पीड़ितों को इंसाफ मिलने से पहले राजनीतिक रोटियां सेंकी जा रही हैं। यदि प्रशासन और नेताओं ने समय रहते चेत लिया होता, तो शायद ये लाशें न गिरतीं।
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