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भूगोल व उर्दू के शिक्षक बिना खुद से पढ़ाई कर बिहार टॉपर बना साकिब

उर्दू के शिक्षक बिना खुद से पढ़ाई कर बिहार टॉपर बना साकिब
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स्रोत: दैनिक भास्कर (आर एस श्रीवास्तव)

News 11 Bihar (Buxar): न सम्बंधित विषय के शिक्षक और न ही प्रैक्टिकल की व्यवस्था। बावजूद इंटर की परीक्षा में खुद से तैयारी कर छात्र साकिब शाह ने 473 अंक प्राप्त कर बिहार टॉपर बन गया है। जबकि जिन विषयों से पढ़ाई की है। वहां आज भी भूगोल व उर्दू विषय के शिक्षक नहीं है।

जबकि शाकिब ने भूगोल के साथ ही इतिहास, राजनीति शास्त्र, हिंदी, इंग्लि श विषय के साथ इंटर की पढ़ाई पूरी की है। हालांकि शाकिब की मेहनत के आगे भूगोल के शिक्षक के नहीं होने का बहुत असर न पड़ा हो किन्तु अन्य स्टूडेंट्स जो भूगोल में कैसे पढ़े होंगे यह शिक्षा की व्यवस्था से अंदाजा लगाया जा सकता है।

क्योंकि उर्दू सब्जेक्ट को ऑप्शनल में लिये थे। शाकिब की माने तो रामजनम सर से मार्गदर्शन लेते रहें। इसके साथ ही अपना खुद का यूट्यूब बना कर न केवल पढ़ते हैं बल्कि पढ़ाते भी है।

विद्यालय का हाल बेहाल
प्राचार्य के साथ कुल 23 शिक्षक हैं। जहां कई विषयों के शिक्षक नहीं है। कमरे की बात करे तो कुल 11 है, जो स्टूडेंट्स के हिसाब से कम है। खेल मैदान तक नहीं है। कम्प्यूटर पढ़ाई के लिए यहां बीपीएससी शिक्षक हैं, किन्तु लैब नहीं है।

स्मार्ट क्लास में टीवी स्क्रीन है। शौचालय आदि की व्यवस्था है। अभिभावकों का मानना है कि यदि सरकार व शिक्षा विभाग विद्यालयों में शिक्षकों व लैब आदि की समुचित व्यवस्था कर दे तो और बच्चे बेहतर कर सकेंगे।

साइंस के लैब में होता है भूगोल का प्रैक्टिकल माध्यमिक में नहीं हैं साइंस के शिक्षक
गणित विषय के शिक्षक डॉ रामबचन सिंह के अलावा साइंस में कोई शिक्षक नहीं है। ऐसे में भगवान भरोसे ही यहां के स्टूडेंट्स साइंस की पढ़ाई करते हैं। वहीं प्रैक्टिकल के लिए लैब है।

किन्तु एक ही लैब में रसायन शास्त्र, भौतिकी व विज्ञान का प्रैक्टिकल कराया जाता है। इसी में भूगोल का भी प्रैक्टिकल की व्यवस्था है। ऐसे में सहज ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यहां के छात्र संसाधन के अभाव में भी अपने प्रतिभा को लोहा मनवा रहे हैं।

माध्यमिक के शिक्षक इंटर का लेते हैं क्लास
इस विद्यालय में माध्यमिक के शिक्षक ही इंटर के स्टूडेंट्स को कई विषयों में पढ़ाई कराते हैं। जैसे भूगोल की बात करे तो यहां माध्यमिक की शिक्षिका गीतांजलि समेत कई शिक्षक अन्य विषयों में पढ़ाते हैं। बता दें कि यहां इंटर में 120 व विज्ञान संकाय में 120 सीट है।

जिसमें मनोविज्ञान, समाजशास्त्र, अर्थशास्त्र, उर्दू व भूगोल विषय है। जिसके लिए किसी में शिक्षक नहीं है। प्प्राचार्य डॉ रामबचन सिंह ने बताया कि विभाग को जानकारी दी गई है। वैसे शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने का प्रयास जारी है।

जिस विषय के शिक्षक नही है उसमें 30 अंक का होता है प्रैक्टिकल
सबसे बड़ी बात यह है कि भूगोल में 30 अंक का प्रैक्टिकल होता है। जिसमें रिटेन 20, रिकॉर्ड 5 और वाइवा 5 अंक का होता है। जिसके लिए आज भी विद्यालय परिसर में व्यवस्था नहीं है। वैसे विज्ञान संकाय को लेकर बनाए गए लैब में ही भूगोल का प्रैक्टिकल करवाने का दावा किया जाता है।

वैसे मेधावी छात्र शाकिब पढ़ाई के प्रति इतना समर्पित है कि अपने घर में ही स्टडी रूम को इस तरीके से मैप वगैरह लगा कर बनाया है कि पड़ने में साहूलियत मिलती रही। वर्ष 2023 की मैट्रिक परीक्षा में शाकिब बिहार में 15 वां रैंक हासिल कर प्लस टू उच्च विद्यालय कोरान का नाम रोशन किया था।

नही हैं संस्कृत के शिक्षक
माध्यमिक व प्लस टू में संस्कृत विषय में पिछले कई वर्षों से शिक्षक नहीं है। ऐसे में माध्यमिक में नामांकित 118 स्टूडेंट्स बिन शिक्षक ही पढ़ाई करने को विवश हैं। जबकि 11 वीं में नामांकित 240 बच्चों का भी यही हाल है।

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