न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
बक्सर जिले में बीते सप्ताह का हर दिन किसी न किसी घटना का गवाह बना। मानो पूरे शहर पर किसी की नजर लग गई हो। अपराध, प्रशासनिक फेरबदल, चुनावी सरगर्मी और पुलिस का बुलडोज़र एक्शन सबने मिलकर जिले की फिजा को हिला कर रख दिया। सप्ताह की शुरुआत एक सनसनीखेज वारदात से हुई जब बक्सर शहर अशांत हो उठा। पुलिस के लिए यह चुनौतीपूर्ण सप्ताह साबित हुआ, मगर कप्तान और उनकी टीम की तत्परता ने हालात को संभाल लिया। आरोपी जल्द ही पुलिस की गिरफ्त में आ गए। वहीं, अहियापुर कांड में जिस प्रकार से आरोपियों की संपत्ति की कुर्की की जा रही है, वह न केवल शहर बल्कि अपराधियों के गलियारों में भी चर्चा का विषय बन गया है। कई लोग इस कार्रवाई की तुलना उत्तर प्रदेश की योगी सरकार की बुलडोजर नीति से कर रहे हैं। इस कार्रवाई ने साफ संकेत दे दिया कि अपराधियों के लिए अब बक्सर की पुलिस चुप बैठने वाली नहीं है,हालांकि बुलडोजर एक्शन से अपराधी गलियारा सहमा हुआ है वही सरकारी योजना एवं भूमि पर आलिशान महल बना कर रहने वाले अपराधियों को कौन प्रश्रय देता था यह भी प्रश्न चर्चा का विषय बना हुआ है। राजद सांसद सहित कई नेताओं से अहियापुर घटना के पीड़ित ने कहा अब आई याद अबतक कहा थे,क्या वोट वही लोग देते है की हमलोग भी वोट करते है। वहीं दूसरी ओर स्वास्थ्य विभाग में प्रतिनियुक्ति को लेकर चर्चाएं तेज हैं। डुमरांव क्षेत्र में एक ऐसा कर्मचारी, जिस पर राजस्व विभाग की खास कृपा मानी जा रही है, लगातार वही हल्का प्राप्त कर रहा है जो उसकी पसंद का है। डुमरांव के गलियारों में यह चर्चा अब आम हो गई है। प्रशासनिक स्तर पर भी बक्सर जिला इस सप्ताह भारी फेरबदल का साक्षी बना। कई महत्वपूर्ण पदों पर तबादले और नई नियुक्तियाँ हुईं, जिससे सरकारी महकमे में नई ऊर्जा के संचार की उम्मीद की जा रही है।
इसी बीच चुनावी मौसम भी धीरे-धीरे पूरे उफान पर पहुंच रहा है। बक्सर जिले की चारों विधानसभा सीटों पर संभावित उम्मीदवार सोशल मीडिया पर खासे सक्रिय नजर आ रहे हैं। कोई वर्तमान विधायक के कार्यों को आइना दिखा रहा है, तो कोई ‘एग्रीमेंट यात्रा’ निकालकर अपनी दावेदारी पेश कर रहा है। बक्सर के सियासी परिदृश्य में नए चेहरों की भी चर्चा हो रही है जो जनता के बीच अपनी जगह बनाने की कोशिश कर रहे हैं।
इस सप्ताह एक चौंकाने वाला मामला भी सामने आया जब गृह रक्षक की बहाली के दौरान एक फर्जी दरोगा पकड़ा गया। यह खबर न केवल अखबारों की सुर्खियाँ बनी बल्कि प्रशासनिक तंत्र को भी झकझोर कर रख दिया। कुल मिलाकर, बक्सर का यह सप्ताह घटनाओं, कार्रवाइयों और राजनीतिक गतिविधियों से भरा रहा। एक ओर जहां पुलिस प्रशासन ने सजगता और सख्ती का परिचय दिया, वहीं दूसरी ओर राजनीतिक गलियारों में आगामी चुनाव की हलचल तेज हो गई। आने वाले समय में यह देखना दिलचस्प होगा कि यह बदलाव जनता की सोच और वोट पर कितना असर डालता है।
एक नज़र में
- अहियापुर कांड: अपराधियों की संपत्ति कुर्क, अपराधियों में हड़कंप
- फर्जी दरोगा गिरफ्तार: गृह रक्षक बहाली प्रक्रिया में सेंध की कोशिश हुई नकाम
- प्रशासनिक फेरबदल: नई नियुक्तियाँ, नई उम्मीदें
- डुमरांव का हल्का विवाद: एक कर्मचारी पर विभाग की मेहरबानी
- चुनावी सरगर्मी: सोशल मीडिया पर उम्मीदवारों की झलक
- बुलडोज़र एक्शन: यूपी मॉडल की झलक अब बक्सर में
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