नगर निकाय: चुने गए जन-प्रतिनिधियों पर नियमों की अनदेखी का आरोप, कार्यपालक पदाधिकारी भी निशाने पर
न्यूज़11 बिहार (बक्सर) : बक्सर जिला के डुमरांव नगर निकाय की कार्यशैली और आम बजट को लेकर सामाजिक मंच ने कड़ा रुख अपनाया है। मंच के सदस्य प्रदीप शरण ने नगर निकाय पर गंभीर आरोप लगाते हुए चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही आमसभा का आयोजन नहीं किया गया, तो वे अनिश्चितकालीन धरना देने को बाध्य होंगे।
मंच का कहना है कि नगर परिषद में चुने गए जनप्रतिनिधि अब जनसेवक नहीं, बल्कि निरंकुश शासक की तरह व्यवहार कर रहे हैं, जो जनता की भागीदारी और पारदर्शिता को पूरी तरह नजर अंदाज कर रहे हैं।
-निर्माण कार्यों को बताया गया अनियमितता का उदाहरण: सामाजिक मंच ने वर्तमान में नगर क्षेत्र में चल रहे निर्माण कार्यों को आमसभा के बिना लिए गए फैसलों का परिणाम बताया और कहा कि यह कार्य बिना जनता की सहमति, बजट पारदर्शिता और नियमानुसार चर्चा के हो रहे हैं। मंच ने आरोप लगाया कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी जनसमस्याओं के समाधान की बजाय चेक काटने और उच्चाधिकारियों को भ्रामक आंकड़े भेजने में व्यस्त हैं।
-जनता के अधिकारों का हनन – मंच: सामाजिक मंच के प्रदीप शरण ने कहा कि नगर विकास एवं आवास विभाग के स्पष्ट आदेश और अपर समाहर्ता, बक्सर द्वारा दिए गए निर्देशों के बावजूद नगर परिषद जनता के अधिकारों का उल्लंघन कर रही है। आमसभा हर महीने आयोजित की जानी चाहिए थी, लेकिन दो अप्रैल 2025 तक कुल 14 सभाएं होनी चाहिए थीं, जबकि केवल 19 फरवरी 2024 को एकमात्र आमसभा हुई।
वह भी तब, जब मंच ने जिला लोक शिकायत निवारण पदाधिकारी के समक्ष अपील की थी। उस एकमात्र आमसभा में होल्डिंग टैक्स पर कानूनी सलाह लेने और विधिसम्मत कार्रवाई का लिखित आश्वासन मिला था, लेकिन उसके बाद फिर कोई प्रगति नहीं हुई। मंच के अनुसार यह स्थिति आम नागरिकों के अधिकारों की अवहेलना है।
मंच ने इस मुद्दे पर कई दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए हैं, जिनमें नगर विकास विभाग का आदेश, बिना प्रचार के आयोजित आमसभाओं का विरोध, और विगत 15 माह से आमसभा न होने की जानकारी शामिल है। मंच ने स्पष्ट किया है कि यदि जल्द आमसभा नहीं बुलाई गई, तो वे अनिश्चितकालीन धरना देंगे।
-स्थानीय जनता में नाराजगी, जवाबदेही पर सवाल: स्थानीय नागरिकों का भी कहना है कि नगर परिषद की यह उदासीनता जनभावनाओं और लोकतांत्रिक प्रक्रिया का सीधा अपमान है। नगर परिषद को जनता के प्रति जवाबदेह होना चाहिए, लेकिन उसकी कार्यशैली से ऐसा नहीं लगता। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि प्रशासन और नगर परिषद सामाजिक मंच की चेतावनी पर क्या प्रतिक्रिया देते हैं और क्या वाकई जनता की आवाज़ को महत्व दिया जाएगा या एक बार फिर अनदेखी की जाएगी।
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