न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
बक्सर जिले में स्वास्थ्य विभाग के भीतर प्रतिनियुक्ति को लेकर एक बार फिर से बड़ा सवाल खड़ा हो गया है। वर्षों से चल रहे इस प्रतिनियुक्ति खेल में विभागीय नियमों और उच्च अधिकारियों के आदेशों की लगातार अनदेखी की जा रही है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि जिला स्वास्थ्य महकमा पूरी तरह मौन साधे हुए है।
गौरतलब है कि जिले में कई स्वास्थ्यकर्मी अपनी मूल पदस्थापन स्थलों को छोड़कर वर्षों से मनचाहे स्थानों पर प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं। यह स्थिति न केवल नियमों के खिलाफ है, बल्कि ग्रामीण इलाकों की स्वास्थ्य व्यवस्था को भी बुरी तरह प्रभावित कर रही है।
मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्कालीन सिविल सर्जन ने पहले ही सभी प्रतिनियुक्तियों को रद्द करने का स्पष्ट आदेश जारी किया था। इसके साथ ही जिलाधिकारी ने भी इस व्यवस्था को अनुचित मानते हुए इसे खत्म करने के निर्देश दिए थे। बावजूद इसके, इन आदेशों की न तो पालन हुआ और न ही कोई ठोस कार्रवाई देखने को मिली।
वर्तमान हालात यह हैं कि अधिकांश स्वास्थ्यकर्मी आज भी अपने मूल पदस्थापन स्थल पर जाने के बजाय उन जगहों पर तैनात हैं, जहां उन्हें सुविधा या व्यक्तिगत लाभ दिखाई देता है। वेतन लेकिन अभी भी उनके मूल पदस्थापन स्थल से ही निर्गत हो रहा है। यह न केवल वित्तीय अनुशासन का उल्लंघन है, बल्कि सरकारी तंत्र की पारदर्शिता और जवाबदेही पर भी बड़ा प्रश्नचिह्न खड़ा करता है।
इस पूरे खेल में जिला स्वास्थ्य समिति की भूमिका भी संदेह के घेरे में है। विभागीय सूत्रों की मानें तो कई मामलों में ऊपर से मिली सहमति या आपसी समझदारी के तहत ही ये प्रतिनियुक्तियां सालों से जारी हैं। जरूरत है कि जिला प्रशासन इस मुद्दे पर त्वरित और कठोर कार्रवाई करे।
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