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प्रतिनियुक्ति का खेल जारी, आदेश के बावजूद नहीं रुका जिला स्वास्थ्य विभाग का मैनेजमेंट

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जिला स्वास्थ्य समिति की मिलीभगत से नियमों की उड़ रही धज्जियां,तत्कालीन सिविल सर्जन ने दिए थे प्रतिनियुक्ति रद्द करने के आदेश, नहीं दिखा असर

न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर

बक्सर जिले के स्वास्थ्य संस्थानों में नियमों को ताक पर रखकर वर्षों से प्रतिनियुक्ति पर कार्यरत स्वास्थ्य कर्मियों का खेल बदस्तूर जारी है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही और जिला स्वास्थ्य समिति की मिलीभगत से कई कर्मचारी वर्षों से अपनी मूल पदस्थापना स्थल से इतर स्थानों पर प्रतिनियुक्ति पर जमे हुए हैं। हालांकि, इस गड़बड़ी को देखते हुए तत्कालीन सिविल सर्जन ने सभी प्रतिनियुक्तियों को रद्द करने का आदेश भी जारी किया था, लेकिन उस आदेश का न तो पालन हुआ और न ही कोई कार्रवाई हुई। स्थिति यह है कि आज भी अधिकांश स्वास्थ्य कर्मी अपनी मूल नियुक्ति स्थल पर न जाकर पसंदीदा स्थानों पर कार्यरत हैं और वेतन अपने मूल पदस्थापन स्थल से ही ले रहे हैं। उदाहरण के तौर पर, आनंद कुमार राय, जिनकी पदस्थापना पीएचसी केसठ में हुई थी, उन्हें सीएचसी इटाढ़ी में प्रतिनियुक्त किया गया और वे पिछले तीन सालों से वहीं पर तैनात हैं। वहीं, रवि रंजन प्रसाद, पीएचसी चक्की से पदस्थापित होकर सीएचसी नावानगर में तीन वर्षों से कार्यरत हैं, जबकि वेतन अब भी पीएचसी चक्की से ही प्राप्त कर रहे हैं। इसी तरह, सुशील कुमार, जिनकी मूल पदस्थापना पीएचसी सदर बक्सर में हुई थी, सात माह के भीतर ही पीएचसी केसठ भेज दिए गए और अब तीन वर्षों से वहीं टिके हुए हैंप्रिंस कुमार सिंह, बीसीएम के पद पर पीएचसी केसठ में पदस्थापित होने के महज दो दिन बाद पीएचसी बक्सर सदर में प्रतिनियुक्त हो गए और अब पिछले पांच वर्षों से वहीं हेल्थ मैनेजर का चार्ज संभाले हुए हैं, जबकि वेतन केसठ से ही मिलता है।

कुमार प्रियदर्शी, जिन्हें सीएचसी नावानगर में पदस्थापित किया गया था, तीन माह के भीतर ही ब्रह्मपुर भेज दिए गए और अब वहां तीन साल से ज्यादा समय से कार्यरत हैं, जबकि वेतन नावानगर से ही लिया जा रहा है। इस पूरे मामले में स्वास्थ्य विभाग की निष्क्रियता और जिला स्वास्थ्य समिति की मौन सहमति पर सवाल खड़े हो रहे हैं। कर्मचारियों की यह अनियमित प्रतिनियुक्ति जहां पारदर्शिता पर प्रश्नचिह्न लगाती है, वहीं इससे स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता भी प्रभावित हो रही है। स्थानीय लोगों और जनप्रतिनिधियों की मांग है कि इस मुद्दे पर निष्पक्ष जांच हो और नियमों का उल्लंघन करने वाले कर्मियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

-कहते है सिविल सर्जन

इस मामले सिविल सर्जन शिव प्रसाद चक्रवर्ती ने कहा की इस मामले में जून माह के दौरान कार्यवाई किया जाएगा।–शिव प्रसाद चक्रवर्ती

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