-द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के तहत कुल 20495.64 लाख आवंटित, बक्सर रोहतास एवं भोजपुर के 5630 हेक्टेयर में सिंचाई की मिलेगी सुविधा
न्यूज़ 11 बिहार (जय आनंद मिश्र ) बक्सर एवं रोहतास के किसानों की फसल को संजीवनी देने वाली बहुचर्चित लंबित परियोजना (Lift irrigation) मलई बराज को अब गति मिलेगा। पिछले 12 साल से बंद इस परियोजना में जान देने के लिए प्रगति यात्रा के दौरान सीएम नीतीश कुमार ने राशि आवंटित किया था। जिसपर कैबिनेट ने भी मुहर लगा दिया है।
बुधवार को डीएम अंशुल अग्रवाल ने मलई बराज परियोजना का स्थल निरीक्षण किया। इस दौरान विभाग के अभियंता भी उपस्थित थे। डीएम ने मलई बराज का सूक्ष्म निरीक्षण किया। उसी के साथ सम्बंधित विभाग के अधिकारी को कार्य करने के लिए भी निदेशित किए। बताते चले कि वर्ष 2015 में नए प्राकलन के अनुसार निर्माण का काम शुरू हुआ था।
11 वर्ष बीत जाने के बाद भी निर्माण पूरा नहीं हो सका। अब बराज में लोहे के लगे स्तंभ में भी जंग लगना शुरू हो चुका है। मलई बराज परियोजना 2012 में ही सेवा यात्रा के दौरान सूबे के मुखिया नीतीश कुमार ने बकायदा उद्घाटन कर इसके निर्माण की तारीखें पक्की की थी। जिसपर 58.25 करोड़ की राशि खर्च किया गया था।
अनियमित को लेकर यह परियोजना सुर्खियों में भी रहा था। हालांकि मलई बराज योजना के लिए पुनः सीएम नीतीश कुमार ने प्रगति यात्रा के दौरान द्वितीय पुनरीक्षित का निर्माण कार्य के तहत कुल 20495.64 लाख रूपये (दो सौ चार करोड़ पंचानबे लाख चौसठ हजार रूपये मात्र) की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान कर दिया है।
-डूब क्षेत्र के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं होने से बाधित रहा कार्य
बराज निर्माण का कार्य कर रहे संवेदक के इंजीनियर बताते हैं, कि स्ट्रेक्चर का कार्य लगभग 90 फीसदी पूरा कर लिया गया है। पर मार्जिनल बांध व दाई लिंक चैनल के लिए जमीन अधिग्रहण नहीं होने से आगे का काम रुक हुआ था। जब तक डूब क्षेत्र के लिए भूमि की अधिग्रहण नहीं होती, तबतक ब्रज में फाटक नहीं लगाया जा सकता।
लेकिन अबतक सबकुछ साफ हो चुका है। कार्यपालक अभियंता मनोज सिन्हा ने कहा कि बराज में दो क्रेस्ट का निर्माण होगा। उसके बाद पंप का भी निर्माण किया जाएगा। पानी इकट्ठा न करके लिफ्ट एरोगेशन के माध्यम उसे खेतों तक भेजा जाएगा। जिसका कार्य बहुत जल्द ही शुरू हो जाएगा।
-5630 हेक्टेयर में सिंचाई में मिलेगी सुविधा
सरकार ने किसानों की परेशानी को ध्यान में रखते हुए केसठ-3 वितरणी एवं भोजपुर नहर लाइन के अंतिम बिंदु तक सिंचाई हेतु पानी उपलब्ध कराने का निर्णय लिया। जिसका निर्माण हो जाने से चौंगाई, ब्रह्मपुर, डुमरॉव,केसठ, नावानगर प्रखण्ड क्षेत्र के लगभग 5630 हेक्टेयर कमांड क्षेत्र में सिंचाई की सुविधा किसानों को मिलेगी।
जिसका किसानों को लाभ होगा। डीएम ने आगे बताया कि मलई बराज योजना अंतर्गत पूर्व से बराज निर्मित है। पूर्व में पानी को रोक कर सिंचाई की व्यवस्था किया जाना था। परन्तु डूब क्षेत्र का निराकरण करते अब सिंचाई पंप से होगा।
यह भी पढ़ें: Model ग्राम पंचायत के रूप बक्सर में डुमरी का चयन
पंप हाउस का कराया जायेगा निर्माण बता दें कि पूर्व से मलई बराज के पास बराज का निर्माण हो चुका है लेकिन डूब क्षेत्र होने के कारण किसानों की समस्या को ध्यान में रखते हुए अब बराज के पास ही पम्प हाउस का निर्माण कर पानी को लिफ्ट कर भोजपुर एवं केसठ-3 वितरणी में उपलब्ध कराया जाएगा। मौके पर एसडीएम राकेश कुमार एवं अन्य पदाधिकारी मौजूद थे।
-कहते है कार्यपालक पदाधिकारी
कार्यपालक अभियंता सिंचाई प्रमंडल नावानगर मनोज कुमार सिन्हा ने बताया कि उद्वह सिंचाई योजना अंतर्गत मलई बराज के शेष दो स्पेन का क्रेस्ट निर्माण कार्य, मलई बराज के पास पम्प हाउस का निर्माण, पम्प हाउस का अप्रोच चैनल का निर्माण कार्य, पम्प हाउस से केसठ-3 वितरणी तक पाइपलाइन कार्य, पम्प हाउस से भोजपुर वितरणी तक पाइपलाइन कार्य आदि कराया जायेगा।जिसके निर्माण कार्य के लिए निविदा प्रकाशन हेतु जल संसाधन विभाग को भेज दिया गया है।
Leave a Reply