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जल-जीवन-हरियाली अभियान के तहत बक्सर में लगेेंगे 3.26 लाख पौधे, अगस्त तक पूरा होगा लक्ष्य

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न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महत्वाकांक्षी “जल-जीवन-हरियाली योजना” के तहत बक्सर जिले में पर्यावरण संरक्षण और हरियाली बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम उठाया गया है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में मनरेगा योजना के माध्यम से जिले भर में 3 लाख 26 हजार पौधे लगाए जाएंगे। इस अभियान को आगामी अगस्त माह के अंत तक पूरा करने का निर्देश दिया गया है।जिला मनरेगा इकाई के अनुसार, इस योजना के तहत प्रत्येक पंचायत को 12 यूनिट वृक्षारोपण का लक्ष्य दिया गया है। एक यूनिट पर अनुमानित खर्च 2 लाख 16 हजार रुपये निर्धारित किया गया है, जिसमें मुख्य रूप से पौधों की देखभाल, सुरक्षा और श्रमिकों की मजदूरी शामिल होगी। इस कार्य में लगे वनरक्षकों को नियमित मानदेय भी दिया जाएगा, जिससे ग्रामीणों को स्थायी रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे। इस अभियान के तहत पौधों की खरीद जीविका समूह की दीदियों द्वारा संचालित पौधशालाओं और जिला द्वारा चयनित वेंडरों के माध्यम से की जाएगी। इसका उद्देश्य स्थानीय उत्पादन को बढ़ावा देना और महिला समूहों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना है।

निजी भूमि में भी होगा पौधारोपण,24 सौ रुपया मिलेगा लाभ

पौधारोपण के लिए निजी भूमि पर भी कार्य किया जाएगा। इच्छुक किसान अपनी भूमि पर मनरेगा के तहत पौधे लगवा सकते हैं, बशर्ते वे पंचायत रोजगार सेवक को जमीन की मालगुजारी रसीद, आधार कार्ड और बैंक पासबुक जमा करें। चयनित किसानों की जमीन पर पौधारोपण किया जाएगा और उन्हें पौधों की देखरेख के लिए प्रतिमाह 2400 रुपये तक की सहायता अगले पांच वर्षों तक दी जाएगी।

-1500 ग्रामीणों को मिलेगा रोजगार

डीपीओ मनरेगा संदीप कुमार मौर्य ने जानकारी दी कि प्रत्येक पौधे की सुरक्षा के लिए गैबियन (तार की जाली से बना रक्षक ढांचा) प्रदान किया जाएगा, जिससे मवेशियों से पौधों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। इस योजना से जिले के करीब 1500 ग्रामीणों को रोजगार मिलेगा। प्रत्येक पंचायत में छह लोगों को वृक्षारोपण और देखभाल से जुड़ा कार्य सौंपा जाएगा। यह योजना न केवल पर्यावरण को संवारने का कार्य करेगी, बल्कि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को भी मजबूती देगी।

प्रखंडवार पौधारोपण लक्ष्य इस प्रकार है:

  • सिमरी: 45600
  • राजपुर: 42200
  • ब्रह्मपुर: 40800
  • नावानगर: 38400
  • डुमरांव और इटाढ़ी: 33600
  • बक्सर: 36000
  • चौसा: 21600
  • चौगाई: 12000
  • चक्की: 9600
  • केसठ: 7200

बक्सर जिला प्रशासन को उम्मीद है कि यह अभियान जिले को स्वच्छ, हरा-भरा और प्रदूषणमुक्त बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

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