-RERA: हो रहा है धोखाधड़ी, सरकार को भी राजस्व को हो रहा नुकसान
-सावधान! बिना निबंधन वाले एजेंट से नही करे जमीन की ख़रीदादरी,हो सकता है नुकसान
-इनदिनों जमीन के विवाद के मामले से पुलिस-प्रसाशन है परेशान
RERA: कुछ वर्षों से जमीन विवाद का मामला जंगल मे लगी आग की तरह तेजी से फैल रहा है। कारण जमीन की खरीद बिक्री करने वाले एजेंट है। शहर व आसपास के क्षेत्रों में जमीन का दाम आसमान छू रहा। हर गली में जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले एजेंट हावी हैं। जिन्हें RERA की जानकारी भी नहीं है। वे लोग भी इस सौदेबाजी में लगे हैं। एजेंटों की वजह से जमीन का दाम सरकारी दर से दोगुना-तिगुना अधिक पहुंच गया है। कहीं-कही तो दस गुना से भी अधिक है। सरकारी दर व बाजार दर में अंतर का फायदा विक्रेता को जबकि नुकसान खरीदार व सरकार को हो रहा है। रेरा का नियम कहता है कि कॉलोनी या बिल्डर के अलावा उन एजेंट को भी पंजीयन करना है जो प्रॉपर्टी का सौदा करते हैं।
ताकि किसी तरह की गड़बड़ी होने पर लोग इसकी शिकायत उनके रजिस्ट्रेशन नंबर के आधार पर कर सके। लेकिन यहां न तो कोई जांच होती है और न ही कोई कार्रवाई। इसलिए हर कोई अपने आप को एजेंट बता कर जमीन का कारोबार करता है। यहां उनकी मॉनिटरिंग करने वाला कोई नहीं है।जमीन की सौदेबाजी या खरीद-बिकी इन एजेंटों के माध्यम से नही हो रही है। डुमरांव में बहुत कम एजेंसी ही रेरा से रजिस्टर्ड है। जमीन का कारोबार करने वाले हजारों लोग हैं। शहर से लेकर गांव तक इनका नेटवर्क फैला है। पूरा काम विश्वास पर ही होता है। बिना निबंधन कराए ही सभी इस कारोबार को कर रहे है। बिना निबंधन लोगों से ठगी भी करते हैं। प्रतिमाह अलग-अलग थानों में इस तरह के मामले दर्ज होते हैं। इनलोगो के द्वारा पैसा के लालच में एक ही जमीन को दो से तीन आदमियों के बीच बेच दिया जाता है। ऐसा दर्जनों मामले डुमरांव अनुमण्डल क्षेत्र में है। हालांकि सूचना एवं जन सम्पर्क विभाग भी जमीन की खरीदारी करने वाले लोगो को सलाह दे रही है कि रेरा से निबंधित एजेंट से ही जमीन की खरीदारी करे।
::एक्सपर्ट व्यू::
कॉलोनी डेवलपर के अलावे जमीन की खरीद-बिक्री करने वाले एजेंट को रेरा से रजिस्टर्ड होना चाहिए। इससे गड़बड़ी होने पर शिकंजा कसना आसान होता है। डुमरांव में इस कानून का ठीक से अनुपालन नहीं हो रहा है। सभी जगह बिना निबंधन कराए एजेंट जमीन की खरीद बिक्री कर रहे हैं। उनपर लगाम नहीं है। इसका खामियाजा आमलोग भुगत रहे हैं।
अनिल कुमार दुबे, अधिवक्ता सिविल कोर्ट डुमरांव
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