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रक्तदान कर कई लोगों की जान बचा चुके अजय: डुमरांव

रक्तदान कर कई लो...चा चुके अजय
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जरूरतमंदों को ससमय ब्लड उपलब्ध करा बचाते हैं जानफ़ोटो: रक्तदान शिविर में रक्त दान करते अजय

न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
डुमरांव नगर के दक्षिण टोला, डुमरेजनी रोड निवासी अजय राय समाज सेवा के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक नाम बन चुके हैं। अब तक वे 40 से अधिक बार स्वयं रक्तदान कर चुके हैं और उनकी इस पहल से सैकड़ों जरूरतमंदों को जीवनदान मिला है। अजय न सिर्फ स्वयं रक्तदान करते हैं, बल्कि दूसरों को भी इस पुनीत कार्य के लिए प्रेरित करते हैं।

आपातकालीन परिस्थितियों में जब किसी मरीज को तुरंत रक्त की आवश्यकता होती है, अजय राय बिना देर किए देवदूत की तरह मदद के लिए आगे आते हैं। सोशल मीडिया या अन्य माध्यमों से जैसे ही उन्हें जानकारी मिलती है, वे तुरंत रक्त की व्यवस्था में जुट जाते हैं, चाहे वह रात का समय हो या त्योहार का दिन। कोरोना महामारी जैसे कठिन समय में भी, जब लोग एक-दूसरे से दूरी बना रहे थे, तब अजय ने अपनी जान की परवाह किए बिना जरूरतमंदों को रक्त उपलब्ध कराया।

-पुलिस सप्ताह के अवसर पर भी अजय ने किया था रक्तदान

अजय सिर्फ व्यक्तिगत तौर पर ही नहीं, बल्कि सामूहिक स्तर पर भी इस कार्य को बढ़ावा देते हैं। वे समय-समय पर रक्तदान शिविरों का आयोजन करते हैं और युवाओं को इसमें शामिल होने के लिए प्रेरित करते हैं। अपने जन्मदिन जैसे विशेष अवसर पर भी अजय ने रक्तदान कर रक्तदान-जीवनदान का संदेश दिया।

हाल ही में आयोजित पुलिस सप्ताह के अवसर पर भी अजय ने रक्तदान किया और अपने कर्तव्यबोध का परिचय दिया। उन्होंने भोजपुर के भोलू कुमार, हड़किशुनपुर के दीपक पाण्डेय, छठिया पोखरा के सरोज सिंह, नियाजीपुर के पवन यादव और खिरौली के संतोष चौबे जैसे दर्जनों लोगों को समय पर रक्त उपलब्ध कराकर उनकी जान बचाई है।

रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य है, जिससे किसी की जान बचाई जा सकती है-अजय

अजय का मानना है कि रक्तदान सबसे बड़ा पुण्य है, जिससे किसी की जान बचाई जा सकती है। वे कहते हैं कि हर व्यक्ति को इस कार्य में भाग लेना चाहिए और समाज के प्रति अपनी जिम्मेदारी निभानी चाहिए। उनकी सोच, निःस्वार्थ सेवा और कार्यशैली आज युवाओं के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है। जय राय जैसे लोग समाज की वो रोशनी हैं, जो हर आपातकाल में उम्मीद की किरण बनकर उभरते हैं।

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