📍 बक्सर, बिहार | न्यूज़ 11 बिहार
बक्सर के डुमरांव में आयोजित दुगोला चैता सह सम्मान समारोह में पूर्व मंत्री ददन यादव ने अपने राजनीतिक जीवन से जुड़े कई महत्वपूर्ण और चौंकाने वाले खुलासे किए। इस दौरान उन्होंने न केवल अपने जीवन के संघर्षों और उपलब्धियों का जिक्र किया, बल्कि वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष्य में भी बड़ी बातें कहीं।
📢 शिक्षक की नौकरी छोड़कर हथियार उठाने की कहानी
समारोह के दौरान, ददन यादव ने खुलासा किया कि समाज के सम्मान की रक्षा के लिए उन्होंने अपनी शिक्षक की नौकरी छोड़ दी थी और हथियार उठाया था। उन्होंने कहा, “साल 2000 में जब डुमरांव में अत्याचार अपने चरम पर था, तब मैंने समाज की रक्षा के लिए राजनीति में कदम रखा और एक शिक्षक की नौकरी छोड़कर इस लड़ाई में भाग लिया।”
🗣️ वर्तमान नेताओं पर तंज
ददन यादव ने डुमरांव के वर्तमान विधायकों पर भी तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि “छोटे नेताओं पर जवाब देना उनके स्तर का नहीं है।” इस दौरान उन्होंने डुमरांव से भाकपा माले के विधायक पर कटाक्ष करते हुए कहा, “चाय की दुकान पर बैठने वाला आज विधायक बना है।”
👥 राजनीतिक पहुंच का किया जिक्र
पूर्व मंत्री ने अपनी राजनीतिक ताकत का जिक्र करते हुए बताया कि वह नीतीश कुमार, लालू यादव और राबड़ी देवी जैसे बड़े नेताओं से जुड़ी हुई एक मजबूत राजनीतिक पहुंच रखते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि वह राबड़ी देवी के मुख्यमंत्री बनने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं।
🏛️ राजनीतिक कार्यकाल की उपलब्धियां
ददन यादव ने अपने राजनीतिक कार्यकाल की उपलब्धियां भी साझा की। उन्होंने बताया कि उनके समय में बक्सर जिले के मलई बराज से लेकर दिनार-रामगढ़ तक के कई बड़े विकास कार्य हुए थे।
🔥 पिछले चुनाव और आने वाले चुनाव की तैयारी
साथ ही, उन्होंने यह भी कहा कि वह आज भी किसी विधायक या मंत्री से कम ताकत नहीं रखते। उन्होंने कहा, “मैं पैसे और साड़ी बांटकर राजनीति नहीं करूंगा, बल्कि सीना तान कर राजनीति करूंगा।” उन्होंने अपनी बात को विस्तार देते हुए कहा, “मैं साधारण परिवार से हूं और एक मास्टर की नौकरी करता था, जिसमें मुझे ₹6000 मिलते थे। आज मैं विधायक नहीं हूं, फिर भी एक लाख रुपये से ज्यादा कमा रहा हूं।”
🗳️ फिर से चुनावी मैदान में उतरने की योजना
पूर्व मंत्री ने यह भी आगामी चुनावों में फिर से उम्मीदवार बनने की बात कही। उनका दावा था कि वह 2025 के विधानसभा चुनाव में डुमरांव विधानसभा से चुनावी मैदान में उतरने की तैयारी कर रहे हैं।
“मैंने 1995 में सरकारी शिक्षक की नौकरी छोड़कर राजनीति में कदम रखा और उसके बाद से राजनीति में न सिर्फ बक्सर बल्कि पूरे बिहार में एक महत्वपूर्ण पहचान बनाई है। अब मैं फिर से डुमरांव विधानसभा से चुनाव लड़ने की योजना बना रहा हूं।” — ददन यादव
📅 राजनीतिक यात्रा का संक्षिप्त विवरण
- 1995: सरकारी शिक्षक पद से त्याग पत्र देकर राजनीति में प्रवेश।
- 2000: बिहार विधान सभा चुनाव में जीत और वाणिज्य राज्य मंत्री के रूप में कार्यकाल (2000-2005)।
- 2014: बहुजन समाज पार्टी के उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
- 2015: जनता दल यू के सदस्य के रूप में डुमरांव से बिहार विधान सभा चुनाव जीते।
- 2024: निर्दलीय बक्सर लोक सभा सीट से चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए।
🌟 समाज और राजनीति में ददन यादव का स्थान
ददन यादव की बातों से साफ जाहिर होता है कि वह अपने राजनीतिक सफर को लेकर बेहद आत्मविश्वासी हैं। उनका मानना है कि उनकी राजनीतिक पहुँच, सामाजिक संघर्ष, और स्थानीय विकास कार्यों ने उन्हें डुमरांव और बक्सर में एक सशक्त पहचान दिलाई है।
अब वह डुमरांव विधानसभा से एक बार फिर चुनावी मैदान में उतरने के लिए पूरी तरह तैयार हैं।
📣 इस राजनीतिक बयान के बाद से डुमरांव विधानसभा क्षेत्र में चुनावी माहौल और भी गर्मा सकता है। ददन यादव के समर्थकों में उनके चुनावी अभियान को लेकर उत्साह है, जबकि विपक्षी नेताओं के लिए यह चुनौती बन सकती है।
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