न्यूज़ 11 बिहार | डुमराँव
“जनता पिसे, मंत्री हिले नहीं!” डुमराँव का एनएच 120… एक ऐसी सड़क जो वर्षों से टूट-फूट और जानलेवा गड्ढों की चपेट में रही। इस मार्ग ने जाने कितने राहगीरों को ज़ख्मी किया, वाहन क्षतिग्रस्त किए और लोगों को रोज़ाना तकलीफों से रूबरू कराया। लेकिन इस सड़क पर किसी अधिकारी या जनप्रतिनिधि की नज़र तब तक नहीं पड़ी, जब तक पथ निर्माण मंत्री नितिन नवीन के संभावित आगमन की ख़बर नहीं आई।
जैसे ही मंत्री जी के दौरे की हवा फैली, सड़क को सजाने-संवारने का ड्रामा शुरू हो गया। डुमरांव के विष्णु भगवान मंदिर से लेकर डुमरेजनी मंदिर तक के हिस्से में आनन-फानन में “चिपी” एवं गिट्टी का काम शुरू कर दिया गया। उस सड़क पर, जो अब तक जनता के जख्मों की गवाही दे रही थी, रातों-रात “ऊपरी मरहम” लगा दिया गया सिर्फ इसलिए कि मंत्री जी की गाड़ी को झटका न लगे!
“जब जनता गिरी, कोई न आया… अब मंत्री आएंगे, तो चिपी भी आएगी!”
स्थानीय नागरिकों का कहना है कि इस सड़क की दुर्दशा को लेकर कई बार आवाज़ उठाई गई। धरना-प्रदर्शन हुए, ज्ञापन दिए गए, हादसे भी हुए। मगर न विभाग जागा, न नेताओं को चिंता हुई। अब जब मंत्री जी का आगमन संभावित है, तो गड्ढों पर काले क़ाग़ज़ की तरह “चिपी” बिछाकर फोटो खिंचवाने लायक बना दी गई है सड़क।
सवाल बड़ा है: क्या विकास सिर्फ कैमरे के लिए है?
जनता सवाल कर रही है क्या हम सिर्फ़ वोट देने के लिए हैं? क्या हमारी सुरक्षा, सुविधा और सड़कें तभी बनेंगी जब कोई ‘बड़ा आदमी’ गुजरेगा? हक़ीक़त ये है कि ये चिपी सड़क पर नहीं, सिस्टम की सोच पर डाली गई है ताकि गड्ढे न दिखें, लेकिन जख्म तो गहरे हैं।
जनता अब चुप नहीं है। वो कह रही है “झूठी चिपी नहीं, सच्चा विकास चाहिए।”
यह तस्वीर सिर्फ सड़क की नहीं, सिस्टम की पोल खोलती है। जब तक जन प्रतिनिधि जनता के प्रति नहीं, केवल अपने उच्चाधिकारियों के प्रति जवाबदेह रहेंगे, ऐसे कागज़ी विकास ही हमारे हिस्से में आएंगे।
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