Advertisement

केशोपुर के Water Treatment Plant जनता के लिए छलावा

Keshopur's water treatment plant is a hoax for the public
Share

-केशोपुर: खंधरापाडेपुर के ग्रामीणों के घर में कनेक्शन तक नहींग्रामीणों ने कहा; पानी पीने लायक नहीं, प्रथम फेज में ही हमलोगों के यहाँ कार्य होना था लेकिन अबतक नदारत

-कार्य एजेंसी एवं विभागीय अधिकारी का दवा भी खोखला हो रहा साबित

News 11 Bihar : कहते हैं पानी इंसानी जिंदगी को जरूरी है। लेकिन अगर वही पानी इंसान की जिंदगी बर्बाद कर दे तो शायद इंसान पानी पीने से भी खौफ खाने लगेगा। जिले के गंगा के किनारे बसे गांव के लोगों को अब पानी पीने से डर लगने लगा है। उन्हें इस बात का खौफ हो गया है कि उनका पानी जीवन नहीं जानलेवा हो चुका है। उनका पानी आर्सेनिक के कारण इतना जहरीला हो चुका है कि धीरे-धीरे वह इंसानी नश्ल को खराब कर रहा है। कहा जाता है जल ही जीवन है। लेकिन यह कहावत सिमरी प्रखंड क्षेत्र के अधिकाँश इलाको में मिथ्या साबित हो रहा है। आर्सेनिक युक्त पानी से लोगो को बचाने के लिए 15 वर्ष पूर्व करोंडो की लागत से सिमरी प्रखंड के केशोपुर पंचायत में वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया गया। इस प्लांट के माध्यम से गंगा का शुद्ध जल 51 गाँवों को पहुचाना था। लेकिन पानी अधिकाँश गाँवों में नहीं पहुंच रहा है। कारण इस योजना में व्यापक अनियमितता हुआ है। यही नहीं इस प्लांट पर सरकार के लगभग 200 करोंड खर्च किया गया है। कार्य को तो तीन वर्ष में ही पूरा करके देना था। लेकिन 15 वर्ष बीत जाने के बाद भी लोगो के कंठ तक गंगा का पानी नहीं पहुंचा। इसके निर्माण के लिए चयनित एक कम्पनी को ब्लैकलिस्टेड भी किया जा चुका है। वर्तमान समय में जो एजेंसी कार्य कर रही है। इसको 24 माह का समय दिया गया था। लेकिन इस एजेंसी ने भी निर्माण कार्य को निर्धारित समय में पूरा नहीं किया फिर जिला प्रसाशन से लेकर पीएचईडी विभाग इस एजेंसी पर मेहरबान है। सिमरी प्रखंड के खंधरा पांडे पुर गाँव जहाँ करीब 100 से अधिक घरो में अबतक पानी सप्लाई का कनेक्शन तक नहीं हुआ है। जबकि इस पंचायत में प्रथम फेज में भी कार्य को शुरू कर दिया गया था। इस गाँव के ग्रामीणों ने बताया की हमलोग आर्सेनिक से जूझ रहे है। शिकायत के बाद भी हमलोगों के गाँवों में पिछले 15 साल के दौरान पानी के लिए कनेक्शन तक नहीं हुआ है। जबकि पीएचईडी विभाग ने जिला के अधिकारी को बताया है की लगभग 28 हजार घरो में पानी जा रहा है। वही खंधरापांडे पुर में ही विभाग के द्वारा दिए गए आकंड़ो का पोल खुल गया है।

-डीएम के समीक्षा व निरिक्षण के बावजूद भी लाभ नहीं

खंधरापांडे पुर निवासी विकास कुमार,उमेश कुमार ने बताया की पिछले कई वर्षो से डीएम के द्वारा प्लांट का जांच एवं समीक्षा किया जा रहा है। उसके बावजूद भी हमलोगों को पानी नहीं मिल रहा है। गौरतलब हो की जिला के लगभग आधा दर्जन से अधिक डीएम वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का जायजा ले चुके है। उसके बाद भी यह योजना धरातल पर पूर्ण रूप से नहीं उतरा है।

सम्बंधित ख़बरें- कलेक्ट्रेट परिसर में DIG ने SP कार्यालय का किया उद्घाटन

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *