-85 हजार रुपए तक लग रही है कीमत,बना है आकर्षण का केंद्र
बक्सर (ब्रह्मपुर) बक्सर जिले के ब्रह्मपुर में लगने वाले सुप्रसिद्ध फाल्गुनी मेले में खैनी खाने वाला भेड़ पहुंचा हुआ है। जिसकी कीमत अभी तक 85 हजार रुपए लग रहा है। जिसको देखने के लिए मेले में लोग पहुंच रहे है। हालंकि भेड़ मालिक अभी इसको बेचने के मूड में नहीं है। उन्होंने कहा की मेले में उसे लड़ाने के लिए लेकर पहुंचे हुए है। लेकिन अभी तक कोई इस भेड़ से अपनी भेड़ लड़ाने को तैयार नहीं है। यह भेद ब्रह्मपुर फाल्गुनी मेले का आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।
-लड़ाई से पहले खाता है खैनी
भेड़ की रखवाली करने वाला पवन यादव द्वारा बताया गया की लड़ाई करने से पहले यह खैनी(सूर्ति )खाता है। इसके बाद मिजाज बनाकर लड़ता है। पवन द्वारा बताया गया की यह आदमी और भेड़ा दोनो से लड़ता है। तीन चार जगहों पर लड़ चुका है। हाल ही में यह मुजफ्फरपुर मेला में यह लड़ाई कर इनाम जीत कर आया है। साथ ही यह यह कई गांव के पूजा पाठ में पहुंच मेरे पिता राजेश यादव के साथ लड़ाई का करतब दिखाकर इनाम पता है।ब्रम्हपुर मेले में लेकर पहुंचे है। हालंकि इससे लड़ने वाला अभी तक कोई भेड़ा नही आया है।एक भईया लेकर आए भी है तो वो लड़ाने के लिए तैयार नहीं है। बोल रहे है की मेरा भेड़ा मर जायेगा इससे लड़ेगा।
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-महीने में चार हजार खिलाने में खर्च
पवन यादव बताते है की इसको खिलाने पिलाने में महीने में चार हजार रुपए खर्च आता है।यह चाना,गेंहू,चोकर,भूंसी, ब्रसिंग,और मध और खैनी और तंबाकू खाता है।जिसके देख रखे के लिए एक आदमी हमेशा तत्पर रहता है। बताया की पहले हमारे मौसा भेड़ा रखे हुए थे। जिसको देखने के बाद पिता जी को भी शौक जगा और खरीद कर ले आए।
-लड़ाई से पहले खाता है खैनी
लड़ाई से पहले खैनी खाने वाला यह भेड़ा भोजपुर जिले के शाहपुर थाना क्षेत्र के ग्राम कनौली के निवासी दूधनाथ यादव का है।जो तीन साल पहले आंध्र प्रदेश से इसको खरीद कर लाए थे। दूधनाथ यादव बताते है की मारिनो नस्ल के इस भेड़ा को 14 हजार में खरीद कर लाया था। लेकिन अब ब्रह्मपुर मेले में 85 हजार तक कीमत लग चुका है। लेकिन बेचना नही है।इसे शौक से पाला गया है।दूधनाथ यादव ने बताया की लड़ाई से पहले खैनी खायेगा तभी इसका मिजाज बनेगा।
-कोई नही मिलता तो राजेश यादव के साथ लड़ता है
भेड़ की रखवाली करने वाले पवन यादव द्वारा बताया गया की जब कोई नही मिलता है।तो राजेश यादव के साथ यह लड़ता है।इसे खोल दिया जाता है और दौड़कर जब राजेश यादव की तरफ मारने के लिए बढ़ता है, तो वे इसके वार को अपने बांह पर रोकते है। इसको रोज इसी तरह से अभ्यास भी कराया जाता है।
-मेले में एक इनाम इसके लिए रखा जाना चाहिए
दूधनाथ यादव बताते है की “मैं चैलेंज किया हुँ। कोई भी मेला में पहुंचने वाले या जिसको भी जानकारी है आकर मेरे भेड़ा के साथ लाडवा सकता है। साथ ही मेला प्रशासन से कहा है की एक पुरस्कार उनके भेड़े के लिए रखा जाए। अगर कोई इससे लड़ नही सकता है तो मेरे बेटा के साथ यह अपना काला दिखायेगा।
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