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अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन के प्रस्ताव पर वकीलों ने जताया विरोध

अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन
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अल्टीमेटम : कार्य बहिष्कार कर न्याय की मांग, कहा नहीं सुनी जाएगी मांग तो करेंगे हड़ताल

Buxar(डुमरांव): डुमरांव में केंद्र सरकार की अधिनियम का विरोध करते हुए डुमरांव व्यवहार न्यायालय के वकीलों ने विरोध जताते हुए एकदिवसीय बहिष्कार किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता संघ के सचिव पृथ्वीनाथ शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि अधिवक्ता अधिनियम 1961 में संशोधन का प्रस्ताव प्रस्ताव वकीलों के अधिकारों और स्वतंत्रता के खिलाफ है। प्रस्तावित अधिनियम के अनुसार यदि वकीलों ने हड़ताल की या अदालत के जाएगा। वकीलों के लिए कोई सुरक्षा प्रावधान नहीं रखा गया है, जिससे वे मनगढ़ंत शिकायतों का शिकार हो सकते हैं। धारा 36 के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया को किसी भी वकील को तुरंत निलंबित करने का अधिकार दिया गया है। कामकाज का बहिष्कार किया तो उन पर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगेगा। यह कानून अधिवक्ता समुदाय के खिलाफ है।

मनगढ़ंत शिकायतों का शिकार

अधिवक्ता माधुरी कुंवर ने बताया की अधिवक्ता की सरकार जो प्रस्ताव लेकर आ रही है, इसका असर अधिवक्ता की आजादी पर पड़ेगा। वकीलों की सर्वोच्च संस्था बार काउंसिल ऑफ इंडिया को निर्देश देने का अधिकार दिया है। इससे न्यायपालिका की स्वतंत्रता पर असर भी पड़ेगा। धारा 35 ए के तहत वकीलों को हड़ताल और बहिष्कार करने से रोका गया है। धारा 35 के तहत वकीलों पर 3 लाख रुपए तक का जुर्माना लगाया जा सकता है। अगर कोई व्यक्ति झूठी शिकायत करता है तो उस पर मात्र 50,000 रुपए का जुर्माना लगाया वकीलों के लिए कोई सुरक्षा प्रावधान नहीं रखा गया है, जिससे वे मनगढ़ंत शिकायतों का शिकार हो सकते हैं।

अधिकार होंगे सीमित

अधिवक्ता राजेश कुमार श्रीवास्तव ने बताया कि धारा 36 के तहत बार काउंसिल ऑफ इंडिया को किसी भी वकील को तुरंत निलंबित करने का अधिकार दिया गया है। संशोधन से बार काउंसिल्स की शक्तियों में कटौती हो सकती है, जिससे अधिवक्ताओं के अधिकार सीमित हो सकते हैं। इसके अलावा, अधिवक्ता समुदाय का मानना है कि यह कदम उनके पेशेवर स्वतंत्रता और आत्मनिर्णय को कमजोर कर सकता है। संशोधन से अनुशासनात्मक प्रक्रियाओं में बाहरी हस्तक्षेप बढ़ने की आशंका भी है, जिससे न्याय व्यवस्था की निष्पक्षता पर प्रभाव पड़ सकता है। इस मौके पर प्रभा तिवारी, सुनील कुमार तिवारी, सुनील कुमार पांडेय, साधना पांडेय, चितरंजन पांडेय सहित अन्य मौजूद रहें।

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