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डुमरांव विधानसभा में जनता एग्रीमेंट पदयात्रा, रवि उज्जवल कुशवाहा ने दिया वोटिंग में बदलाव का संदेश

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NEWS 11 BIHAR | BUXAR : डुमरांव विधानसभा के पूर्व प्रभारी रवि उज्जवल कुशवाहा ने मंगलवार को जनता एग्रीमेंट पदयात्रा के तहत नावानगर प्रखंड के विभिन्न पंचायतों का दौरा किया। पदयात्रा के क्रम में उन्होंने आथर पंचायत, नावानगर पंचायत, भदार पंचायत और बेलहरी पंचायत में समाज के विभिन्न वर्गों से मुलाकात की और उन्हें राजनीतिक जागरूकता का संदेश दिया। पदयात्रा के दौरान रवि उज्जवल कुशवाहा ने जनता से अपील की कि वोट देने से पहले नेता से सवाल पूछना जरूरी है। उन्होंने कहा, “आजादी के इतने वर्षों बाद भी सड़क, नाली, बिजली जैसी मूलभूत समस्याएं बनी हुई हैं। इसका मुख्य कारण है कि हम सही प्रतिनिधि नहीं चुन पा रहे हैं। हर जनप्रतिनिधि के पास अपना फंड होता है, लेकिन उसका उपयोग कितना और कहां हुआ, इसका हिसाब जनता को लेना चाहिए। यह जनता का अधिकार है।” उन्होंने कहा कि जनता को वोट देने से पहले अपने जनप्रतिनिधियों से उनके फंड और कामकाज का लेखा-जोखा मांगना चाहिए और उससे स्टांप पेपर पर एग्रीमेंट करवाकर ही वोट देना चाहिए। उन्होंने जापान के उदाहरण को सामने रखते हुए कहा, “1945 में जब हिरोशिमा पर परमाणु बम गिरा, तो पूरा शहर तबाह हो गया था। लेकिन वहां के लोगों ने मेहनत और ईमानदारी से देश को फिर खड़ा कर दिया। आज जापान विकसित देशों की सूची में शामिल है। वहीं हम आज भी जात-पात, सड़क, नाली जैसे मुद्दों में उलझे हुए हैं। यह चिंतन का विषय है। अगर हम सही नेतृत्व चुनें तो हमारे क्षेत्र की समस्याएं दूर हो सकती हैं।” रवि उज्जवल कुशवाहा ने जनता से आह्वान किया कि वोट देने से पहले काम की गारंटी मांगे और नई सोच के साथ निर्णय लें। उन्होंने कहा कि डुमरांव विधानसभा से इस नई राजनीतिक बदलाव की शुरुआत होनी चाहिए, ताकि इसका संदेश पूरे देश और प्रदेश में जाए। उन्होंने लोगों से अपील की कि वे अपने अधिकारों के प्रति जागरूक बनें और नेताओं से जवाबदेही की मांग करें।

पदयात्रा में उनके साथ नावानगर प्रखंड के पूर्व अध्यक्ष सरदार कुशवाहा, डुमरांव प्रखंड के पूर्व अध्यक्ष बीरेन्द्र कुशवाहा, अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष मो. सिराज, मिथिलेश कुशवाहा, गुरुदेव सिंह कुशवाहा, प्रेम सिंह, जितन सिंह, राजन कुशवाहा, विरवल राम, कमल सिंह, अक्षय लाल सिंह, जगजीवन राम सहित कई लोग शामिल थे। पदयात्रा के दौरान ग्रामीणों ने भी अपनी समस्याएं सामने रखीं और राजनीतिक व्यवस्था में बदलाव की जरूरत पर सहमति जताई।

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