तेलंगाना में ड्यूटी के दौरान करंट लगने से हुई थी मौत, तिरंगे में लिपटा शव पहुंचते ही गमगीन हुआ चौसा गांव
न्यूज़ 11 बिहार | बक्सर
बक्सर के चौसा प्रखंड के निवासी और सीआरपीएफ जवान जय शंकर चौधरी का पार्थिव शरीर बुधवार को जब तिरंगे में लिपटा उनके पैतृक गांव पहुंचा, तो पूरे इलाके में शोक की लहर दौड़ गई। सोमवार को तेलंगाना में ड्यूटी के दौरान बिजली के करंट की चपेट में आने से उनका असामयिक निधन हो गया था। अपने लाल को आखिरी बार देखने के लिए पूरा गांव उमड़ पड़ा। सैकड़ों की भीड़, गमगीन माहौल और गूंजता “जय जवान!” का नारा, हर कोई भावुक हो गया।
सीआरपीएफ की विशेष टीम दो उपाधीक्षक रैंक के अधिकारियों और एक दर्जन से अधिक जवानों के साथ पार्थिव शरीर लेकर चौसा पहुंची। जैसे ही वाहन गांव में दाखिल हुआ, परिजनों का विलाप और ग्रामीणों का रुदन माहौल को बेहद भावुक बना गया। मां, पत्नी लीलावती देवी और बच्चों की हालत देख हर आंख नम हो गई।
राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई
गांव के लाल को राजकीय सम्मान के साथ अंतिम विदाई दी गई। उनकी अंतिम यात्रा चौसा बाजार से निकलकर स्थानीय श्मशान घाट तक गई, जहां पूरे विधि-विधान और सलामी के साथ उनका अंतिम संस्कार किया गया। पूरे रास्ते लोगों की भीड़ उमड़ती रही। भारत माता की जय, जय शंकर अमर रहें, जैसे नारों से वातावरण गूंजता रहा।
2006 में सीआरपीएफ ज्वाइन किया था
जय शंकर चौधरी ने 2006 में सीआरपीएफ की सेवा में प्रवेश किया था और बीते ढाई वर्षों से तेलंगाना में तैनात थे। अपने कर्तव्य के प्रति उनकी निष्ठा और साहस से साथी जवान भी प्रेरित थे। हादसे के बाद उनका शव पहले हैदराबाद से पटना एयरपोर्ट लाया गया, फिर सड़क मार्ग से चौसा गांव।
परिवार पर टूटा दुख का पहाड़
जय शंकर चौधरी के पिता की पूर्व में ही मृत्यु हो चुकी थी। परिवार की पूरी जिम्मेदारी उन्हीं पर थी। उनके जाने से पत्नी लीलावती देवी, बेटे दुर्गेश (16) और ऋतिक (10), बेटी स्नेहा (14), मां और छोटे भाई श्याम सुंदर पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा है।
गांव में शोक और गर्व का माहौल
उनकी अंतिम यात्रा में स्थानीय जनप्रतिनिधि, समाजसेवी, ग्रामीण और अधिकारी बड़ी संख्या में शामिल हुए। हर कोई इस बात पर गर्व करता दिखा कि चौसा की मिट्टी ने ऐसा सपूत जन्मा, जिसने देश की सेवा करते हुए प्राण त्याग दिए। शहीद जवान जय शंकर चौधरी की शहादत को गांव कभी नहीं भुला पाएगा,यह बात हर आंख और हर शब्द में झलक रही थी।
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