मासूम को रौंदा : आपसी समझाइश और काफी मशक्कत के बाद खुल सका जाम, परेशान दिखे लोग। जाम को नियंत्रित करने की लोगों ने प्रशासन से की मांग, आनन फानन में लगे बैरिकेड्स
बक्सर | आरा बक्सर फोरलेन पर प्रतापसागर के समीप बालू लदे ट्रक ने एक 8 वर्षीय मासूम बच्ची को रौंद दिया जिससे घटनास्थल पर ही उसकी मौत हो गई। घटना गुरुवार की दोपहर 2 बजे हुई। मिली जानकारी के अनुसार प्रतापसागर के शंकर महतो की 8 वर्षीय पुत्री निभा कुमारी आंगनबाड़ी से पढ़कर अपने घर लौट रही थी। घर जाने के क्रम में उसे ट्रक संख्या यूपी 54टी 8658 ने उसे रौंद दिया। ट्रक चालक वाहन छोड़कर मौके से फरार हो गया। जानकारी के अनुसार बक्सर जाने वाले एक लेन में ट्रकों का लंबा महाजाम लगा हुआ था। उसी लेन में वाहनों को ओवरटेक कर तेज गति से आगे बढ़ रहे ट्रक ने बच्ची को रौंद दिया जिससे उसकी घटनास्थल पर ही मौत हो गई। घटना के बाद गुस्साए लोगों ने एनएच को जाम कर दिया।
आक्रोश में थे लोग : आक्रोशित लोगों का गुस्सा 2 बजे से शाम 6 बजे तक कम होने का नाम नहीं ले रहा था। काफी समझाइश के बाद शाम 6 बजे के बाद कुछ शर्तों के आधार पर लोगों ने जाम को हटाया। इस महाजाम में सड़क के दोनों तरफ कई किलोमीटर तक वाहनों की लंबी कतार लग गई। लगभग डेढ़ दर्जन बाइक सवार भी आक्रोशित लोगों के आक्रोश का शिकार हो गए। आक्रोशित लोगों ने कई बाइक सवारों की चाभियां फेंक दी। आक्रोशित लोग किसी की भी बात सुनने को तैयार नहीं थे और लगातार वरीय पदाधिकारियों को मौके पर बुलाने की मांग कर रहे थे। बाद में एनएचएआई की तरफ से ट्रकों के जाम को नियंत्रित करने की दिशा में बैरिकेड्स लाए गए जिसे सड़क पर लगाया गया। इसके बाद जाम हटा।
घटना के बाद आहत पीड़ित परिवार: मौके पर नया भोजपुर पुलिस के अलावे बीडीओ संदीप कुमार, औद्योगिक थानाध्यक्ष संजय कुमार, डुमरांव अपर थानाध्यक्ष संजीत कुमार सहित भारी मात्रा में पुलिस बल मौजूद रहा। प्रशासनिक मशक्कत के बाद भी जाम हटा जिसके बाद बीडीओ संदीप पांडेय और थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने सरकारी नियमानुसार 20000 रूपये की सहायता राशि परिजनों को प्रदान की। पुलिस ने शव को हटवाकर पोस्टमार्टम के लिए बक्सर भेजा, वहीं पुलिस ने वाहन को अपनी अभिरक्षा में लिया जिसे पुलिस थाने ले गई। इधर घटना के बाद मृत बच्ची के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल था। पीड़ित परिवार के आंसू थमने के नाम नहीं ले रहे थे।
जल्द से जल्द सरकारी सहायता राशि की मांग: लोगों द्वारा रखी गई मुख्य मांगों में ट्रकों के इस महाजाम को नियंत्रित करने का मुद्दा उठाया गया। थानाध्यक्ष मनीष कुमार ने कहा कि जाम यूपी प्रशासन की वजह से लग रहा है लेकिन ट्रकों को एक लाइन में खड़ा कराने की जिम्मेदारी हमारी है। हम इस दायित्व का निष्ठापूर्वक पालन करेंगे। इसके साथ ही लोगों ने यह मुद्दा उठाया कि मृत बच्ची के परिजनों को एक माह के भीतर सरकारी नियमानुसार सहायता राशि प्रदान की जाए। मुआवजे की राशि में देरी न हो। बीडीओ संदीप पांडेय ने मौके से ही जिला परिवहन पदाधिकारी से वार्ता कर मुआवजे का प्रोसेस जल्द से जल्द करने की अपील की। डीटीओ ने आश्वस्त किया कि घटना के एक दिन बाद ही मुआवजे की राशि के लिए विभाग को आवेदन कर दिया जाएगा और जल्द से जल्द नियमानुसार सहायता राशि प्रदान की जाएगी।
आर्थिक रूप से संकीर्ण है परिवार: बता दें कि पीड़ित परिवार आर्थिक रूप से बेहद संकीर्ण है। मृतका के पिता शंकर महतो ई रिक्शा चलाकर अपनी आजीविका चलाते हैं। मृतका पांच भाई बहनों में तीसरे स्थान पर है। सबसे बड़ी कुसुम 12 साल की है, जिसके बाद गुड़िया, तीसरे पर मृत मासूम निभा, चौथे पर छोटा भाई अंकुश और पांचवें पर सबसे छोटी पुत्री प्रियांशु कुमारी है जो महज 3 साल की है। घटना के बाद पीड़ित परिवार का रो रोकर बुरा हाल है। घटना के बाद कई घरों के चूल्हे नहीं जले। इधर ग्रामीणों ने भी आपसी समन्वय कर पीड़ित परिवार को आर्थिक मदद करने की योजना बनाई है। इधर चार घंटे बाद जाम खुलने के पश्चात लोगों ने राहत की सांस ली है।
कहते हैं एसडीपीओ
सड़क दुर्घटना में मासूम के मौत की घटना अत्यंत दुखदाई है। लोगों ने सड़क जाम किया था। प्रशासन की पहल के बाद लोगों ने जाम हटा लिया जिससे यातयात सामान्य हो गया।
अफाक अख्तर अंसारी, एसडीपीओ, डुमरांव
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