डुमरांव निवासी विकास के ब्लाइंड मर्डर केस का पुलिस ने किया सफल उद्भेदन, एक गिरफ्तार
News11 Bihar (Buxar): शराब तस्करों से शराब की खेप छीनकर खुद बेच डालते थे तस्कर, कर दी दोस्त की हत्या। ब्लाइंड मर्डर केस के सफल उद्भेदन में अनुमंडल पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। पुलिस ने बीते 15 अक्टूबर को टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन के समीप से बरामद शव की अनसुलझी गुत्थी को सुलझा लिया है।
शव की पहचान डुमरांव के लालगंज कड़वी निवासी विकास कुमार उर्फ अरविंद कुमार के रूप में हुई थी जिसकी हत्या उसके दोस्तों ने ही कर दी गई थी। विवाद शराब तस्करी के पैसे को लेकर हुई अनबन की थी। मृतक, गिरफ्तार अभियुक्त और नामित सभी अभियुक्त एक ही गैंग के तहत शराब लूटने का काम करते थे।
उत्तर प्रदेश से बिहार में शराब की खेप लाने वाले तस्करों से यह गैंग खुद शराब छीनकर उसे बाजार में बेचता था। इसी गैंग के सदस्यों में शामिल मयंक कुमार की विकास से पैसे को लेकर आपसी अनबन हुई जिसमें विकास की हत्या कर दी गई।
स्टेशन के समीप फेंका शव
प्रेस वार्ता कर जानकारी देते हुए एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी ने बताया कि इस गैंग के अन्य शातिर तस्कर दोस्तों ने विकास उर्फ अरविंद को पार्टी करने के बहाने नया भोजपुर बुलाया फिर उसकी बेरहमी से हत्या कर दी और उसके शव टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन के समीप फेंक दिया।
हत्यारों ने तकनीकी अनुसंधान से बचने के लिए अपने अपने मोबाइल फोन को ईटाढ़ी में ही छोड़ दिया था ताकि उनका मोबाइल लोकेशन पुलिस को न मिल सके। हालांकि प्राथमिकी दर्ज होने के बाद पुलिस मामले की तह तक पहुंचने में लगी हुई थी।
इस बीच एसडीपीओ के निर्देश पर कृष्णाब्रह्म पुलिस ने मुफ्फसिल थानाक्षेत्र के गुरुदास मठिया निवासी पवन कुमार पांडेय पिता चंदन पांडेय को धर दबोचा। गिरफ्तार पवन ने ही सुनयोजित तरीके से हुई हत्या का सारा भेद खोल दिया।
मां ने दर्ज कराई थी प्राथमिकी
जानकारी के अनुसार बीते 14 अक्टूबर को डुमरांव के लालगंज कड़वी निवासी स्व. प्रेमचंद राय का पुत्र विकास उम्र 17 वर्ष घर से दोस्त के यहां जाने की बात कहकर निकला। दी रात्रि तक वह घर नहीं लौटा तो परिजनों को चिंता हुई। परिजनों ने खोजबीन शुरू की। इसी बीच पुलिस को सूचना मिली कि 15 अक्टूबर को टुड़ीगंज रेलवे स्टेशन के समीप एक किशोर का शव पड़ा हुआ है। वह शव विकास का ही था।
इस मामले में 17 अक्टूबर को मृत किशोर की मां संतरा देवी ने कृष्णाब्रह्म थाने में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। दर्ज प्राथमिकी के आलोक में कांड संख्या 20/24 के तहत मुकदमा दर्ज इसकी जांच में जुट गई थी। पोस्टमार्टम रिपोर्ट से यह तय हो गया था कि यह घटना कोई अनहोनी नहीं बल्कि हत्या है जिसके बाद पुलिस ने इस ओर अपनी कवायद तेज कर दी थी।
सात अन्य है नामजद
इस मामले में पवन के अलावे बक्सर के अंकित राय, अनुराग कुमार, मयंक कुमार, रोहित कुमार, आकाश कुमार, मित्रलोक कालोनियों अंकित यादव पिता अखिलेश सिंह यादव और ईटाढ़ी पकड़ी के पीयूष कुमार शामिल है। एसडीपीओ ने बताया कि इनमें से अंकित यादव पर पूर्व से भी कई आपराधिक मामले दर्ज है।
जिनमें महिला थाना में आर्म्स एक्ट, बक्सर मुफ्फसिल थाना में कई संगीन मामले और बक्सर नगर थाने में दो आर्म्स एक्ट के मामले दर्ज है। एसडीपीओ अफाक अख्तर अंसारी ने बताया कि फरार अभियुक्तों की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने छापेमारी तेज कर दी है। इस हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए पुलिस ने तकनीकी साधनों के साथ ही मुखबीरो का भी सहारा लिया है।
पहले भी ऐसे गैंग का उद्भेदन
शराब तस्करों से शराब की खेप छीनकर खुद बेचने वाले इस गैंग का उद्भेदन अनुमंडल पुलिस के लिए नई बात नहीं है। भले ही यह सुनने में अटपटा लगता है कि इससे कुछ दिनों पूर्व ही एसडीपीओ के नेतृत्व में आठ ऐसे तस्कर पकड़े गए थे जो शराब तस्करों से शराब की खेप छीनकर उसे खुद बेच देते थे।
उनके पास से कुल 23.04 लीटर अंग्रेजी शराब, 36,500 रूपये नगद और एक बाइक बरामद की गई थी। ऐसे में एक तरफ जहां शराब तस्करी पर नकेल कसना वहीं तस्करी के ऐसे रहस्यों से पर्दा उठाना पुलिस के लिए काफी चुनौतीपूर्ण साबित हो रहा है।
बहरहाल एसडीपीओ ने बताया कि इस सफल उद्भेदन में शामिल पुलिसकर्मियों को सम्मानित करने के लिए अनुशंसा भेजी जाएगी जिनमें डुमरांव थानाध्यक्ष शंभू भगत, कृष्णाब्रह्म थानाध्यक्ष नीतीश कुमार, बक्सर और डीआईयू टीम के साथ स्थानीय पुलिस बल मौजूद रहा।
कहते हैं एसडीपीओ
विकास हत्याकांड का सफल उद्भेदन कर लिया गया है। इस मामले में एक गिरफ्तार और सात फरार है। जल्द ही सारे अभियुक्तों को धर दबोचा जाएगा।
अफाक अख्तर अंसारी, एसडीपीओ, डुमरांव
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